टोंक के पिछडऩे का कारण रेल नहीं होना भी है। ऐसे में उम्मीद है कि राज्य सरकार टोंक के लिए अटकी हुईरेल की मांग पूरी करेगी। टोंक में रेल होने के बाद विकास के कईआयाम स्थापित होंगे। फिलहाल सडक़ परिवहन सुविधा ही टोंक के लिए है। ये उद्योग के लिए नाकाफी है। इससे बेरोजगारी भी दूरी होगी। वहीं शहर का विकास होगा।
– दिनेश चौरासिया, कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष टोंक
राज्य सरकार को चाहिए कि वे राज्य व राष्ट्रीय टोल को वाहनों के मुक्त कर दे। पहले अव्यवसायी वाहनों पर टोल की छूट थी, लेकिन इसे फिर से लागू कर दिया गया। इससे लोगों को आर्थिक नुकसान तब होता हैजब वह प्रति दिन टोल पार करता है। ऐसे में टोल फ्री होना चाहिए।
– विष्णु गुप्ता, व्यापारी
राज्य सरकार को बजट में मरीजों का भी ख्याल रखना होगा। हालांकि सरकारी अस्पतालों में दवा फ्री है, लेकिन बाजार से भी कई बार दवा लेनी पड़ती है। ऐसे में सरकार को दवा पर विशेष छूट देनी चाहिए।
– मोहन आहुजा, दवा विक्रेता
आवागम में मिले सुविधा
टोंक जिला मुख्यालय पर पीपलू, मालपुरा व पीपलू उपखण्ड के कई गांवों के लोग गहलोत मार्ग पर होते हुए बनास नदी से आते हैं, लेकिन ये मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है। ऐसे में इस मार्ग पर बनास नदी में पुल बनाया जाना चाहिए। इस मार्ग से शहर के व्यापार पर काफी फर्क पड़ता है।
– निहालचंद जैन, व्यापारी
बड़ी परियोजना आए
राज्य सरकार को चाहिए कि वह टोंक के लिए काई बड़ी परियोजना लागू करे। इसमें कृषि, उद्योग समेत कोईभी हो सकती है। बड़ी परियोजना से जहां रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। वहीं विकास भी निश्चित रूप से होगा।
– आहमद मियां, दुकानदार
जिला मुख्यालय टोंक में निजी तथा सरकारी विश्वविद्यालय नहीं है। ऐसे में उच्च शिक्षा के कईसंकाय टोंक के विद्यार्थियों को नहीं मिलते हैं। मजबूरन उन्हें टोंक से बाहर जाना पड़ता है। ऐसे में टोंक में विश्वविद्यालय की जररूत है।
– अक्षय अग्रवाल युवा