जो उसके पिता को सौंपी है। हालांकि चुनाव आयोग की ओर से सरपंच पद के प्रत्याशी का खर्च 50 हजार रुपए तय कर रखी है। प्रदेश में शायद ऐसा अनूठा मामला हुआ है। गंभीरा पंचायत में सरपंच की एससी वर्ग के लिए आरक्षित थी। काशपुरिया गांव के लोगों ने गणेश चौपदार को गांव की ओर से सरपंच का प्रत्याशी बनाया, लेकिन चौपदार 46 वोटों से चुनाव हार गया।
हारे प्रत्याशी को लोगों ने सदï्भावना दिखाते हुए उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने से ग्रामीणों ने पहले गांव के पंचों की बैठक की उसके बाद गांव में घुमकर जनसहयोग से राशि एकत्र की। यह राशि खर्च से अधिक थी। जिसे ग्रामीणों ने उसे मदद के रूप में सौंपा।
महिला सरपंचों को मिली 21 ग्राम पंचायतों की कमान
अलीगढ़. उनियारा पंचायत समिति में आधी से ज्यादा ग्राम पंचायतों में महिला सरपंच चुनी गई है। पंचायत समिति की 36 ग्राम पंचायतों से 21 ग्राम पंचायतों में महिला सरपंच ने जीत दर्ज की है। पंचायत समिति में महिला के लिए की 19 ग्राम पंचायतें आरक्षित थी।
वहीं 2 ग्राम पंचायतों में महिला प्रत्याशियों ने पुरुष प्रत्याशियों को हराकर सरपंचों का ताज पहना है। ढिकोलिया ग्राम पंचायत व मोहम्मदपुरा ग्राम पंचायत में महिला प्रत्याशियों ने पुरुष प्रत्याशियों को हराकर चुनाव जीता है। उनियारा पंचायत समिति क्षेत्र में सरपंच के चुनाव में बनेठा ग्राम पंचायत में सुभद्रा देवी मीना सबसे अधिक मतों से जीती तो रानीपुरा ग्राम पंचायत में मन्जू देवी सबसे कम मतों से जीती। बनेठा पंचायत में सुभद्रा देवी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सूरजा को 1076 मतों हराया। जबकि रानीपुरा पंचायत में मन्जू देवी ने अपने प्रतिद्वंदी मोत्या देवी को 12 मतों से हराया।