जहां रिमझिम बरसात के बीच सुबह से शाम घूमने के लिए क्षेत्रीय व बाहर के सैलानियों का तांता लगा रहता था। इस बार मानसून की बैरुखी के बीच बरसात नहीं होने से पानी का आवक नहीं हो पाई है। स्थिति यह है कि खारोळा सागर, आमसागर व बुद्धसागर में घटते जल स्तर के कारण जलाशय अपना सौंदर्य खोने लगे है। पहाडिय़ों से तलहट (पेंदे) में पठारी हिस्सा दिखाई देने लगा है। बुद्धसागर का पानी सावन माह में नीलकण्ठ महादेव मंदिर तथा मध्य स्थित छतरी वाले महादेव मंदिर में शिवलिंग का स्वयं अभिषेक करता था। वहीं आज खाली होने लगा है।
इधर, आधा किमी क्षेत्रफल में फैले खारोळा सागर में भी करीब 25 फीट गहराई में जलमग्न रहने वाली पठारी भाग पर उकेरी सिंदूरमय गणेश, काली दुर्गा व भैरव की प्रतिमा भी दिखाई देने लगी है। उक्त जलाशय कभी राजशाही के नौका विहार के केन्द्र था। इधर, करीब 60 फीट गहराई वाला आमसागर भी अब छिछला होने से आमजन को लुभा नहीं पा रहा है।
5 तक कृषि उपज मण्डी में बंद रहेगा व्यापार
टोंक. राज्य सरकार की ओर से राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ की मांगे नहीं माने जाने पर आढ़तिया (क वर्ग दलाल) संघ की ओर से कृषि उपज मंडी टोंक में शनिवार से 5 सितम्बर तक किसी भी प्रकार का क्रय-विक्रय नहीं होगा। संघ के अध्यक्ष भागचंद जैन फुलेता ने बताया कि मंडी यार्ड में व्यापारियों की ओर से शनिवार से चार सितम्बर तक धरना दिया जाएगा। इसके बाद 5 सितम्बर को व्यापार संघ की ओर से जयपुर में होने वाली आमसभा में टोंक जिले के व्यापारी शामिल होंगे।