इधर, वहीं पंचायत प्रशासन की ओर से पेयजल सप्लाई खोलने के वाल्व की सफाई नहीं होने से घरों के नलों में दूषित पेयजल आ रहा हैं, मजबूरन लोगों को दो से तीन किलोमीटर दूर के स्रोतों से पेयजल लाकर प्यास बुझानी पड़ रही हैं।
उल्लेखनीय हैं चिकित्सा विभाग की ओर से कराए सर्वे में शनिवार तक तीन दर्जन से अधिक पीलिया रोगी होने की जानकारी मिल चुकी है। इसके बाद रविवार को भी कस्बे से रोग से ग्रसित होकर बच्चे, महिला व पुरुष अस्पताल आते रहे।
हालांकि देवली से लगाए चिकित्सक अनूपकुमार धानका की ओर से प्राथमिक उपचार किया गया, लेकिन पीलिया रोग जांच करने के उपकरण नहीं होने से मरीजों को दूनी, देवली व टोंक सरकारी अस्पतालों में रैफर किया।
जांच कराने को काट रहे चक्कर
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र घाड़ में आ रहे रोगियों की जांचकर पीलिया रोग होने की संभावना के चलते जांच कराए जाने को लिख रहे हैं, लेकिन वहां उपकरण नहीं होने से रोगियों को घाड़-दूनी के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।
चिकित्सक अनूपकुमार धानका ने बताया कि अस्पताल में पीलिया रोग की पुष्टि करने को लेकर सीरम ब्लूरिबन, एसजीओटी व पीटी जांच कराई जाती हैं। यहा जांच की सुविधा व उपकरण नहीं होने के कारण रोगियों को जांच के लिए दूनी रैफर किया जा रहा हैं।
इधर, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र घाड़ प्रशासन ने ग्राम पंचायत सरपंच को रविवार पत्र लिखकर टंकी से नलों द्वारा कस्बे के घरों में हो रही दूषित पेयजल सप्लाई बंद करने की मांग की हैं। साथ ही अस्पताल प्रशासन ने पंचायत की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाने पर एक पत्र पुलिस थाना घाड़ को देकर पंचायत प्रशासन को पाबंद करने की मांग की।
तीन किलोमीटर से ला रहे पेयजल
नलों में आ रहे दूषित पानी से हो रही हो रही बीमारियों के भय से लोग भयभीत हैं और उन्हें दूर-दराज के स्रोतों से पेयजल लाकर प्यास बुझानी पड़ रही हैं।
कस्बे की महिला-पुरुषों ने बताया कि नलों में कई दिनों से आ रहे दूषित पेयजल व फैले पीलिया रोग से आशंकित लोग नलों से आ रहे पानी को पीने से कतरा रहे हैं। उन्हें तीन किलोमीटर दूर नगरफोर्ट मार्ग पर बनी टंकी व दूनी मार्ग पर परियोजना के एयर वाल्व से पेयजल लाकर प्यास बुझानी पड़ रही हैं।