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दीक्षा महोत्सव में उमड़ी श्रद्धा

locationटोंकPublished: Feb 24, 2020 12:07:36 pm

Submitted by:

Vijay

गणिनी आर्यिका विशुद्धमति का 51वां दीक्षा महामहोत्सव

दीक्षा महोत्सव में उमड़ी श्रद्धा

दीक्षा महोत्सव में उमड़ी श्रद्धा



टोंक. श्री दिगम्बर जैन समाज अमीरगंज टोंक में गणिनी आर्यिका विशुद्धमति का 51 वे दीक्षा महामहोत्सव को लेकर तीन दिवसीय कार्यक्रम के तहत रविवार को गणिनी आर्यिका के चरणों में विन्यांजली दी गई। महोत्सव में देश भर के श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया।
जैन समाज के प्रवक्ता पवन कंटान, विमल जौला व राकेश संघी ने बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत पंडित आशीष जैन व अभिषेक जैन दमोह द्वारा मंगलाचरण के साथ किया गया। इसके बाद गणिनी आर्यिका का चरण प्रक्षालन किया गया। दीक्षा महा महोत्सव को लेकर टोंक, निवाई व अन्य जिलों से आए सभी महिलाओं द्वारा अलग-अलग वेशभूषा जिसमें पंजाबी, हरियाणवी, राजस्थानी, गुजराती, बंगाली सहित अनेक ड्रेस कोड धारण कर गाजे बाजे के साथ अष्ट दृव्य से भक्ति नृत्य के साथ पूजन किया गया, जिसमें केशव एण्ड पार्टी भोपाल के मधुर भजनों पर पूजा करने के लिए जैन श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा।
गणिनी आर्यिका विशुद्धमति के चरणों में दिल्ली से आई युवा शक्ति ने जैन ध्वजा की रैली निकाल कर जय घोष के साथ श्रीफल अध्र्य चढ़ाया। आचार्य शांतिसागर पब्लिक स्कूल टोंक के 40 बच्चों ने मशाल जलाकर परिक्रमा लगा मंगलाचरण किया। विशुद्ध वर्धनी महिला मंडल सुसनेर का स्वागत किया गया। इस मौके पर नवनिर्मित डोम का नामकरण गणिनी आर्यिका 105 विशुद्ध मति सभागार रखा गया है।
इस दौरान अतिथियों का सम्मान समारोह आयोजित किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि लोक सभा सांसद सुखबीर सिंह जोनापुरिया ने शाम 6 बजे बाद भोजन करने का अन्य का त्याग किया। इस अवसर पर दिल्ली, कोटा, सवाई माधोपुर, इन्दौर, बडऩगर, जाथला, एटा, निवाई व जयपुर सहित अनेक स्थानों से श्रद्धालुओं ने गणिनी आर्यिका की जीवनी पर विन्यांजली दी। गणिनी आर्यिका विशुद्ध मति को नवीन पिच्छिका भेंट करने का सोभाग्य श्रावक गणेश राणा को मिला, वहीं जिनवाणी भेंट रतन लाल जैन ने की।
आर्यिका विशुद्ध मति ने मंगल प्रवचन में कहा कि प्रभु की देशना जब ओमकार के रूप में खिरती है। यति धर्म द्वारा ही मुनि बनकर तपस्या करके मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है। अपने अपने जीवन में एक नियम जरूर बना लेना कि हम कभी मुनि बनकर मोक्ष की प्राप्ति कर सके।

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