जयपुर, अजमेर व टोंक शहरों के साथ ही इनसे जुड़े गांव व कस्बों में की जा रही जलापूर्ति के दौरान हो रही पानी की निकासी के बाद बांध का गेज सोमवार दोपहर 2 बजे तक 312.13 आर एल मीटर दर्ज किया गया था। जिसमें 18.283 टीएमसी पानी का भराव था। जो सोमवार रात 8 बजे तक एक सेमी की बढ़ोत्तरी के साथ बांध का गेज 312.14 आर एल मीटर हो गया था।
जिसमें 18.330 टीएमसी पानी का भराव था। वही मंगलवार सुबह 8 बजे तक 4 सेमी पानी की बढ़ोत्तरी के साथ गेज 312.18 आर एल मीटर दर्ज किया था। जिसमें 18.552 टीएमसी पानी का भराव था। वही मंगलवार दोपहर 2 बजे तक फिर से एक सेमी की बढ़ोत्तरी के साथ बांध का गेज 312.19 आर एल मीटर हो गया है। जिसमें 18.570 टीएमसी का जलभराव हो गया है।
वही बांध में पानी की आवक लगातार जारी रही। इसी प्रकार गंभीरी बांध से रविवार को की गई पानी की निकासी को लेकर बांध के जलभराव में सहायक त्रिवेणी का गेज सोमवार रात 8 बजे तक 40 सेमी की बढ़ोत्तरी के साथ ही 3.90 मीटर पर पहुंच गया था। जो मंगलवार को वापिस 10 सेमी घटकर 3.80 मीटर रह गया है। इधर बांध क्षेत्र में बीते 24 घंटों के दौरान बारिश शून्य दर्ज की गई है।
मध्यप्रदेश तक का आया पानी बनास की सहायक बेड़च नदी उदयपुर के गोगुन्दा की पहाडिय़ों से निकलती है। जो उदयपुर की उदस सागर झील से निकलने के बाद बेड़च कहलाती है। जो भीलवाड़ा जिले के बिगोद स्थित बनास में विलिन हो जाती है। इसी प्रकार गंभीरी नदी मध्यप्रदेश से होकर चित्तौडगढ़़ में बेड़च में मिल जाती है। वही बेड़च बाद में बनास में मिल जाती है। इस बार गंभीरी में आया पानी अधिकांशतर मध्यप्रदेश में हुई तेज बारिश के चलते आया है।
बनास को सहायक नदियों से मिला सहारा इस बार मानसून की बेरूखी के चलते बांध में पहली बार अगस्त माह के दौरान पानी की बहुत कम आवक दर्ज की गई थी। जिससे पेयजल समस्या को लेकर बांध परियोजना व जल संसाधन विभाग की परेशानियां बढ़ गई थी।
मगर सितम्बर माह के दौरान केचमेंट एरिया के उदयपुर, चित्तोडगढ़़ व भीलवाड़ा जिलों के साथ ही मध्यप्रदेश में हुई बारिश के चलते बनास नदी की सहायक बेड़च, गंभीरी, मैलान, घोसुन्दा, मेजा आदि आधा दर्जन सहायक नदियों से हुई पानी की आवक के चलते बांध में हुई पानी की बढ़ोत्तरी को लेकर बांध में अगले वर्ष जुलाई,अगस्त तक का पानी भरने से जलसंसाधन विभाग ने पेयजल को लेकर राहत की सांस ली है।