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21 साल बाद ली सुध, सुरक्षा दीवार के साथ बनेगी सडक़

चट्टानों को तोडकऱ बांध की सुरक्षा दीवार में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया गया है।

टोंकNov 15, 2017 / 08:44 am

pawan sharma

राजमहल. बीसलपुरबांध परियोजना की ओर से इन दिनों दह किनारे चट्टानों को तोडकऱ बांध की सुरक्षा दीवार में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया गया है।

राजमहल. बीसलपुर बांध के निर्माण के दौरान तोड़ी गई पहाड़ी की चट्टानों की आखिर 21 साल बाद बांध परियोजना को याद आ ही गई। बांध परियोजना की ओर से इन दिनों दह किनारे चट्टानों को तोडकऱ बांध की सुरक्षा दीवार में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया गया है।
 

 

इससे दह पर होते हादसों में रोकथाम के साथ-साथ स्वरूप भी निखरेगा। उल्लेखनीय है कि बांध के डाऊन स्ट्रीम में बने दह के टोडारायसिंह मार्ग पर दर्जनों चट्टानें पड़ी होने से यहां सडक़ निर्माण में व्यवधान होने के साथ ही गुजरते वाहनों को हादसे की आशंका रहती थी। दह में डुबकी लगाने के दौरान पूर्व में चट्टानों से टकराकर कई श्रद्धालु हादसे काशिकार भी हो चुके हंै।
 

लाखों की आय
वर्षों पूर्व से पड़े पत्थरों का उपयोग इन दिनों बांध के गेट संख्या दो से तीन तक वीआईपी मार्ग पर सडक़ व बांध के किनारे लगभग तीन किलोमीटर तक सुरक्षा दीवार बनाने के लिए किया जा रहा है। इन पत्थरों की राशि सम्बन्धित ठेकेदार से वसूली जाएगी।
 

 

 

वर्षों से बेकार पड़ी चट्टानों का उपयोग किया जा रहा है। इन पत्थरों की राशि ठेकेदार से वसूल कर ली जाएगी।
आर. सी. कटारा, अधिशासी अभियंता बीसलपुर बांध परियोजना देवली।
 

 

हंगामे के बाद टेंडर प्रक्रिया निरस्त
राजमहल. पोल्याड़ा पंचायत में किए जा रहेे मेटेरियल सप्लाई की टेंडर प्रक्रिया ठेकेदारों के हंगामे के चलते निरस्त कर दी गई। ये प्रक्रिया देवली के सहायक अभियंता ने आगामी आदेश तक निरस्त करा दी। ठेकेदारों ने बताया कि राजकोट, पोल्याड़ा व सांवतगढ़ पंचायतों में मेटेरियल सप्लाई के लिए टेंडर किए जाने थे।
 

इसमें पोल्याड़ा के लिए दर्जनों ठेकेदार निविदाएं डालने पहुंच गए। घंटों इंतजार के बाद भी उनको पंचायत की ओर से निविदा कॉपी नहीं दी गई। इस पर ठेकेदारों ने हंगामा कर दिया। ठेकेदार चांद खां, मनोज सैनी, जयसिंह मीणा, संदीप सोयल आदि ने बताया कि टेंडर की तारीख तय कर दी गई, लेकिन पंचायत में कुछ ठेकेदारों को ही प्राथमिकता दी गई।
 

 

इससे नाराज ठेकेदारों ने हंगामा कर दिया। ठेकेदारों ने बताया कि प्रक्रिया के तहत दोपहर एक बजे तक निविदा कॉपी वितरित, दो बजे तक डालने तथा ढाई बजे टेंडर कॉपियां खोलनी थी, लेकिन सरपंच आए ही नहीं। कॉपियों पर सरपंच के हस्ताक्षर भी नहीं थे। हंगामे के बाद अभियंता ने टेंडर प्रक्रिया निरस्त करा दी। इधर, पंचायत समिति देवली के सहायक अभियंता के देवकिशन नागर ने बताया कि सरपंच के हस्ताक्षर नहीं होने के कारण टेंडर निरस्त करा दिए हंै।
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