ग्रामीण विनोद माहुर, रमेश जांगिड़, सीतराम धाकड़, उस्ताद आदि ने बताया कि मंगलवार सुबह करीब 9 बजे गांव की महिलाएं खेतों में फसल कटाई के लिए गई। इस दौरान उन्हें गेहंू की फसल के बीच पैंथर जैसा जानवर दिखाई दिया। इस पर महिलाएं भागकर गांव आई तथा ग्रामीणों को इसकी जानकारी दी। सूचना पर पांच दर्जन से अधिक ग्रामीण लाठियों से लैस होकर गांव की तरफ गए।
जहां उन्होंने सावधानीपूर्वक जानवर की तलाश की। ग्रामीणों ने बताया कि करीब डेढ़ घंटे बाद खेतों में सियार दिखा, जो बाद ग्रामीणों के भय से गांव में आ गया। इस दौरान गांव में अफरा-तफरी का माहौल हो गया। ग्रामीण घरों में दुबक गए। वहीं ग्रामीणों के आने से सियार पुन: खेतों में चला गया। जिसे ग्रामीण बाद में दूर तक खदेड़ आए। इस दरम्यान करीब दो घंटे तक ग्रामीणों की सांसे अटकी रही।
बघेरे ने किया चार सुअरों का शिकार , ग्रामीणों में भय व्याप्त निवाई. बस्सी गांव में बघेरा दिखाई देने से ग्रामीणो में भय व्याप्त है। ग्रामीण कमल पोसवाल, कालूराम बैसला, रामजीलाल प्रजापत, केदार हरसाणा, भरतराज व लेखराज ने बताया कि शंकर पोसवाल अपने खेत पर पशुओं के लिए चारा लेने गया था।
इस दौरान रास्ते में उसको चार मृत ***** दिखाए दिए, जिनको देखकर वह घबरा गया एवं वापस गांव आकर ग्रामीणों व वन विभाग के कर्मचारियों को सूचना दी । सूचना पर वन विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचकर बघेरे के पगमार्क लिए। ग्रामीणों ने इसकी सूचना विभाग के रेंजर को भी दी, लेकिन रेंजर के मौके पर नहीं पहुंचने से ग्रामीणों में भारी आक्रोश व्याप्त है।
बुद्धराज ने बताया कि रविवार को एक खेत में गाय का मृत बछड़ा पड़ा हुआ था। ग्रामीण खेतों पर रखवाली करने से कतरा रहे है। उन्होंने बताया कि पूर्व में भी दो भेड़ों, बछड़ा व पालतू श्वान को शिकार बना चुका है।
उसके बावजूद भी वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी बघेरे को पकड़ नहीं रहे है। उन्होंने बताया कि पूर्व में सिरस के पहाड़ पर भी बघेरा दिखाई दे चुका है।