इस अवसर पर धर्म सभा को संबोधित करते हुए आचार्य इंद्र नंदी, गणिनी आर्यिका विशुद्ध मति, आर्यिका विज्ञमति ने कहा कि श्रावक को हमेशा जैन सिद्धांतों का पालन करना चाहिए, जीवन में सत्य व अहिंसा का पालन करते हुए जीवों के प्रति दया की भावना रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि संतों के चरण जहां पड़ जाते हैं, वह धरती सोना-सोना हो जाती है।
जीवन के कल्याण के लिए संतों द्वारा बताए गए मार्ग पर चलना चाहिए। संतों की सेवा करना पुनीत कार्य है। उन्होंने कहा कि संत बहते पानी की दरिया के समान है, जो कही भी एक स्थल पर नहीं रहकर विचरण करते हुए धर्म का प्रचार-प्रसार करते है। इस अवसर पर धर्म सभा में सोहन लाल जैन, पदम चंद जैन, चंदन मल जैन कंपाउंडर, महेंद्र कुमार जैन, संपत कुमार जैन, सुनील कुमार जैन सहित बड़ी संख्या में जैन समाज के लोग मौजूद रहे।
झिलाय में मनाई स्वामी रामचरण की जयंती
निवाई. झिलाय में विजयवर्गीय समाज ने स्वामी रामचरण महाराज की 301 वीं जयंती पर रामद्वारा में रामचरण महाराज के चित्र पर माल्यार्पण, दीप प्रज्ज्वलित कर महाआरती की। इस दौरान समाज के राकेश कुमार विजयवर्गीय, गोपाल विजय,आकाश विजय, रमाशंकर विजय, अशोक विजय, महेश विजय, मुकेश विजय, दयाल विजय सहित समाज के लोग उपस्थित थे।