टोंक

एसडीओ को बजरी खनन पर कार्रवाई करना पड़ गया भारी, राज्य सरकार ने किया एपीओ

टोंक. बनास नदी में बजरी खनन पर रोक के बावजूद बेकाबू हुए खनन माफियाओं पर कार्रवाई करना उपखण्ड अधिकारी प्रभातीलाल जाट को भारी पड़ गया।

टोंकMar 24, 2018 / 11:58 am

Kamal Bairwa

टोंक में गत गुरुवार को बजरी से भरे ट्रक जब्त करते एसडीओ प्रभातीलाल।

टोंक. सुप्रीम कोर्ट की बनास नदी में बजरी खनन पर लगी रोक के बावजूद बेकाबू हुए खनन माफियाओं पर कार्रवाई करना उपखण्ड अधिकारी प्रभातीलाल जाट को भारी पड़ गया। लगातार की जा रही कार्रवाई की शिकायत खनन माफियाओं ने सरकार से की तो उन्हें एपीओ कर दिया। इसके आदेश कार्मिक विभाग के संयुक्त शासन सचिव अरविन्दकुमार पोसवाल ने जारी किए हैं।
 


आदेश के मुताबिक उपखण्ड अधिकारी प्रभातीलाल अपनी उपस्थिति कार्मिक विभाग में देंगे। इधर, विद्युत वितरण निगम के सहायक अभियंता यथार्थ देवलिया को भी निगम जयपुर डिस्कॉम के उपनिदेशक मनोज कुमार शर्मा ने निलम्बित कर दिया। इसका कारण सामने ये आ रहा है कि गत दिनों बिजली के बकाया बिलों की कार्रवाई के दौरान कार्मिकों के साथ हुई मारपीट तथा बाद में पुरानी टोंक थाने में दर्ज कराए गए मामला है।
 

उपखण्ड अधिकारी प्रभातीलाल जाट रास्तों तथा सरकारी जमीन पर किए गए अतिक्रमण को हटाने तथा बनास नदी में किए जा रहे अवैध खनन पर लगातार कार्रवाई कर रहे थे। उन्होंने गुरुवार रात भी शहर के समीप वजीरपुरा गांव बजरी से भरी दो ट्रैक्टर-ट्रॉली को पकड़ा था। इससे चार दिन पहले भी उपखण्ड अधिकारी ने बरोनी थाना क्षेत्र में बजरी से भरे ५ ट्रक पकड़े थे। वे लगातार बजरी खनन पर कार्रवाईकर रहे थे। इससे बजरी खनन माफियाओं में हडक़म्प मचा हुआ था। खनन से जुड़े प्रभावशाली लोग उपखण्ड अधिकारी की सरकार से शिकायत कर रहे थे।
 

वहीं उपखण्ड अधिकारी प्रभातीलाल की कार्यशैली से जिले के कुछ जनप्रतिनिधि भी नाखुश थे। इसके चलते कुछ जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री वसुन्धरा से भी शिकायत की थी। हालांकि उपखण्ड अधिकारी के एपीओ करने के बाद जाट समाज के लोगों में नाराजगी है। उन्होंने शनिवार को समाज के लोगों की बैठक कर एपीओ करने के आदेश का विरोध किया।
 

गांवों को कर दिया था अतिक्रमण मुक्त
टोंक उपखण्ड के गांवों में उपखण्ड अधिकारी प्रभातीलाल जाट अतिक्रमण पर भी लगातार कार्रवाई कर रहे थे। वे जनसुनवाई के दौरान ही गांव में हो रहे अतिक्रमण को हटवा रहे थे। गांवों के जनप्रतिनिधि तथा प्रभावशाली लोग इसकी शिकायत भी कर रहे थे। दूसरी ओर शहर के कुछ जनप्रतिनिधि भी उपखण्ड अधिकारी से नाराज थे। ऐसे में उन्होंने भी शिकायत की थी।
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