मधु ने बताया कि वो अब तक जिले में 5 हजार से अधिक बालिकाओं को आत्म रक्षा का प्रशिक्षण दे चुकी है। ये प्रशिक्षण उन्होने जिले के राजकीय व निजी स्कूलों और कॉलेजों में जाकर दिया है। पुलिस लाइन टोंक में भी उनके द्वारा आत्मरक्षा सेन्टर पर आने वाली महिलाओं और बालिकाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
मधु ने कहा कि यहां पर प्रशिक्षण प्रतिदिन तीन से पांच बजे तक दिया जा रहा है। मधु ने पुलिस विभाग द्वारा आजाज दो अभियान के तहत 50 से अधिक स्कूलों व कॉलेजों में भी अपनी टीम के साथ जाकर आवाज दो अभियान को सक्रिय बनाने में अहम भूमिका निभाई है।
पहले जानकारी के अभाव में महिलाओंं के साथ होने वाले अपराध बहुत कम शिकायतें मिलती थी, लेकिन अभियान के दौरान अब इनमें जागृति आ रही है। मधू ने बताया कि राजकीय कार्य के साथ साथ घर परिवार सम्भालना पड़ता है।
ये मानना है मधु का आज ऐसे कई उदाहरण देखने व सूनने को मिलते हैं कि कई पुरुषों के साथ महिलाए़ं भी बराबर से उनके कार्य में सक्रिय योगदान दे रही है। इसलिए महिलाओं को भी सभी प्रकार के कार्यो में हिस्सेदार बनाना चाहिए।