जिसकी जानकारी मिलते ही कृषि विभाग के सहायक निदेशक कृषि नागरमल यादव, कृषि अधिकारी डॉ किशन लाल जाट, सहायक कृषि अधिकारी बुद्धि प्रकाश, प्रजापत इंदरराज शर्मा ,जगदीश प्रसाद जाट, कृषि पर्यवेक्षक अमर सिंह, भादराम बेरवा, महावीर धाकड़, जोधराज जाट व कृषि पर्यवेक्षक रात्रि को ही मेहरू गांव में पहुंचे जहां पर 6 ट्रैक्टर स्प्रे दो पानी के टैंकर मंगाकर रात्रि 3 बजे से ही टिड्डी नियंत्रण के लिए स्प्रे का कार्य शुरू किया ।
जिसने क्लोरोपायरिफास डेल्टामेथ्रीन लेंम्डा साईथ्रीन कीटनाशकों का उपयोग करते हुए स्प्रे किया गया । जिससे लगभग 30 से 40 प्रतिशत टिड्डीयों को मारा गया, वही सुबह टिड्डीयों का दल सालीलाखापूरा , इंदोली, टोरडी, मालपुरा, देशमा, देशमी, किरावल होते हुए जयपुर जिले के मेहंदवास क्षेत्र में प्रवेश कर गया ।
गौरतलब है कि उपखंड क्षेत्र में टिड्डीयों का दल दसवीं बार आ गया जिससे किसानों की चिंता बड़ी हुई है कि इस बार खरीफ की फसल में इसी प्रकार यदि टिड्डीयों का आना जारी रहा तो फसल पैदा करना काफी मुश्किल हो जाएगा । वहीं कृषि विशेषज्ञों ने बताया कि अब तक कृषि क्षेत्र में टिड्डीयों के आने से किसी प्रकार का कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ टिड्डीयों के आने की सूचना किसानों द्वारा समय पर दिए जाने से एवं किसानों द्वारा किए जा रहे प्रयासों से फसलों में नुकसान नहीं हो पाया