टोंक

गौशाला में आयोजित श्रीश्याम भजन व गोकीर्तन में बही भजनों की सरिता

गांधी गौशाला में मकर संक्रांति पर श्रीश्याम भजन संध्या व गोकीर्तन का आयोजन हुआ। इसमें देर रात तक भजनों की सरिता बही।

टोंकJan 15, 2020 / 05:10 pm

jalaluddin khan

गौशाला में आयोजित श्रीश्याम भजन व गोकीर्तन में बही भजनों की सरिता

टोंक. गांधी गौशाला में मकर संक्रांति पर श्रीश्याम भजन संध्या व गोकीर्तन का आयोजन हुआ। इसमें देर रात तक भजनों की सरिता बही। इस दौरान श्रीश्याम मित्र मंण्डल की ओर से भगवान श्रीखाटू श्याम की झांकी सजाई गई। कार्यक्रम की शुरुआत निवाई के राजू खंडेलवाल ने गणेश वंदना से की।
गोशाला समिति संरक्षक अभय मल बंब ने मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयं संघ के राजस्थान सेवा प्रमुख शिव लहरी व संत तुलसीदास रामनगर दरबार का माला, शोल ओढ़ा व श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। जयपुर की गायिका सुरभि चतुर्वेदी ने ’तेरा दरबार सांवरे जहां से’ प्यारा है, और हरी में जैसो तैसो तेरो, सांवरिया माने मंदिर जाती राणा जी बरजे प्रस्तुत कर लोगों को भाव विभोर कर दिया।
राजू खंडेलवाल ने कीर्तन की है रात बाबा आज थाने आनो है, मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा है भजन सुनकर लोग मग्न हो गए। गांधी गोशाला समिति अध्यक्ष राजेंद्र पराना ने गौशाला का आय व व्यय प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि वर्तमान में गांधी गौशाला सहयोग से 550 गायों की सेवा कर रही है।
आने वाले समय में टोंक शहर की सडक़ों पर एक भी गाय अनआशिर्त अवस्था में ना घूमें। गांधी गौशाला के गोकुलधाम परिसर में एक गो चिकित्सालय व गाय से मनुष्य की चिकित्सा का एक केंद्र खोलने की योजना है। कोषाध्यक्ष बालकिशन गर्ग ने टोंक शहर के गौ भक्तों व दानदाताओं का आभार व्यक्त किया।
समिति के राजू खंडेलवाल, सत्यनारायण सोनी ने भी अनुरोध किया। गांधी गौशाला की ओर से गोमूत्र व नीम अर्क से बनाए गए घरेलू उत्पाद गोनाइल, टॉयलेट क्लीनर, हैंडवास आदि प्रोडक्ट की एक स्टॉल भी लगाई गई। समिति सदस्य दुर्गेश गुप्ता व सुनील गुप्ता ने लोगों को इसके बारे में बताया।
इस दौरान समिति सदस्य गिर्राज खंडेलवाल, पदम गर्ग, मनीष तोषनीवाल, मनोज, सुनील जैन, रामअवतार सिंगोदिया, बंटी पराना, लड्डू किराड, रामू काहल्या आलोक बढ़ाया, विष्णु खंडेलवाल आदि ने लोगों का स्वागत व सम्मान किया। मंच संचालन डीडी गुप्ता व शैलेंद्र गर्ग ने किया। वहीं मंगलवार सुबह मकर संक्रांति पर लोगों का गांधी गौशाला व अन्य गौशाला में तांता लगा रहा। लोग अपने हाथों से हरा चारा व गुड़ खिला कर गोसेवा की।
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