नोटबंदी को लेकर लोग आज भी सहमे हुए हैं। वहीं दूसरा डर ये भी सता रहा है कि कहीं 8 नवम्बर को कोई नोट चलन से बाहर नहीं हो जाए। चर्चाएं भी चल रही है कि सरकार नए चलाए गए दो हजार के नोट को बंद करने की तैयारी कर रही है। इससे भी लोग चिंतित हैं। हालांकि अब बाजार में खुलकर पैसा आ गया है, लेकिन इस पैसे को बाजार में खर्च नहीं कर पा रहे हैं। इससे जिले का व्यापार पूरी तरह से ठप है। इसका बड़ा कारण जीएसटी भी माना जा रहा है।
पूरी रात रही थीभाग-दौड़
गत 8 नवम्बर 2016 की रात को प्रधानमंत्री ने एक हजार तथा पांच सौ के नोट को चलन से बाहर कर दिया था। इन नोटों को अपने खाते में जमा कराने आदेश दिए गए थे। इसके बाद देर रात तक नोट जमा करने वाले एटीएम मशीनों की ओर दौड़ पड़े।
बैंकों में नोट बदलवाने के लिए करीब एक महीने तक लाइनें लगी रही। लोग अपना सब काम छोडकऱ जो भी नोट बचे थे, उनको बदलवाने में लग गए। नोटबंदी के चलते बाजार ठप पड़ गया। व्यापार एकदम से नीचे गिर गया। व्यापारी भी अब ये नोट लेने से बचे रहे। छोटे नोटों की कमी आ गई।
नोटबंदी के दिन को कांग्रेस काला दिवस के रूप में मनाएगी। जिलाध्यक्ष रामबिलास चौधरी ने बताया कि जिलेभर के कार्यकर्ता अम्बेडकर सर्किल पर ें एकत्र होंगे। यहां से वे जुलूस के रूप में प्रदर्शन करेंगे। इसके बाद
घंटाघर होते कलक्ट्रेट पहुंचेंगे। जहां प्रदर्शन किया जाएगा।
इधर, भाजपा शहर मण्डल अध्यक्ष विष्णु शर्मा ने बताया कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने, आतंकवाद को समाप्त करने व काले धन पर प्रहार के लिए की गई नोटबंदी पर बुधवार सुबह 11 बजे शहर व देहात मण्डल टोंक की ओर से काला धन विरोधी दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इसमें सांसद, विधायक समेत अन्य जनप्रतिनिधि शामिल होंगे।
अभी चर्चाओं का दौर जारी
गत वर्ष की गई नोटबंदी के दिनों हुई परेशानियों को याद कर आज भी लोग सहम जाते हैं। इन दिनों भी 8 नवम्बर को वैसी ही कोई घोषणा होने की चर्चाएं बाजार में चल रही है। लोगों का कहना है कि इस बार गत वर्ष चले दो हजार रुपए के नोट को बंद किया जा सकता है। ऐसा अनुमान भी है कि बैंक भी एटीएम में दो हजार रुपए के नोट कम ही डाल रहे हैं।