scriptलम्पी स्किन डिजीज से प्रभावित आवारा गायों को किया जाएगा क्वारंटाइन | Stray cows affected by lumpy skin disease will be quarantined | Patrika News

लम्पी स्किन डिजीज से प्रभावित आवारा गायों को किया जाएगा क्वारंटाइन

locationटोंकPublished: Aug 11, 2022 07:09:04 pm

Submitted by:

jalaluddin khan

28 ग्राम पंचायतों में 194 गाय हुई प्रभावित, दो की मौतमालपुरा. प्रदेश के अन्य जिलों मे फैल रही रही लम्पी स्किन डिजीज का प्रकोप अब उपखंड क्षेत्र में भी तेजी से फैलने लगा है। उपखंड मुख्यालय सहित 28 ग्राम पंचायतों में 194 गाय इस रोग से प्रभावित हो चुकी है। पशुपालन विभाग एवं प्रशासन सतर्क ग्रामीण क्षेत्रों में हाइपोक्लोराइट का स्प्रे कराया जा रहा

लम्पी स्किन डिजीज से प्रभावित आवारा गायों को किया जाएगा क्वारंटाइन

लम्पी स्किन डिजीज से प्रभावित आवारा गायों को किया जाएगा क्वारंटाइन

लम्पी स्किन डिजीज से प्रभावित आवारा गायों को किया जाएगा क्वारंटाइन
28 ग्राम पंचायतों में 194 गाय हुई प्रभावित, दो की मौत
मालपुरा. प्रदेश के अन्य जिलों मे फैल रही रही लम्पी स्किन डिजीज का प्रकोप अब उपखंड क्षेत्र में भी तेजी से फैलने लगा है। उपखंड मुख्यालय सहित 28 ग्राम पंचायतों में 194 गाय इस रोग से प्रभावित हो चुकी है। पशुपालन विभाग एवं प्रशासन सतर्क ग्रामीण क्षेत्रों में हाइपोक्लोराइट का स्प्रे कराया जा रहा है।
चौसला में आवारा गायों को क्वारंटन किया जाएगा। उपखंड क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से फैल रहे लम्पी स्किन डिजीज को लेकर पशुपालन विभाग पूरी मुस्तैदी से लगा हुआ है।

चेनपुरा ग्राम पंचायत में 20 गायोंं में लम्पी स्किन डिजीज का प्रकोप में चौसला गांव में 6 आवारा गायोंं में लम्पी स्किन डिजीज पाए जाने को लेकर उपखंड अधिकारी रामकुमार वर्मा, पशु चिकित्सा प्रभारी डॉ. अनिल परतानी, सरपंच प्रतिनिधि दयालदास स्वामी एवं पशुधन सहायक ने गुरुवार को चौसला गांव में आवारा गायों में फैली लम्पी स्किन डिजीज एवं आवारा गायों के दिनभर इधर उधर भ्रमण करने से अन्य पशुओं में बीमारी फैलने के खतरे को ध्यान में रखते हुए क्वारंटन करने के लिए चौसला में गांव के बाहर क्वारंटन सेंन्टर बनाकर डिजीज ग्रसित गायों को उसमें रखने के र्निदेश दिए।

पशु पालन विभाग अनुसार मालपुरा शहरी क्षेत्र में 5 पशुओं में, लांबाहरिसिंह में 13, पारलीए, बृजलालनगर, धोली, पचेवर, सिधौलिया व तांतिया में 3-3 पशुओं में, झाड़ली में 10 पशुओं में, बागडी में 7 पशुओं में, देवल में 15 पशुओं में, किरावल, बरोल, चांदसेन, चांवडिया में 5-5 पशुओं में, मोरला 16 पशुओं में, कचौलिया में 12 पशुओं में, कुराड, सोडा में 4-4 पशुओं में, आवडा में 14 पशुओं में, आटोली में 9 पशुओं में, नगर में 11 पशुओं में, कोटोली में 6 पशुओं में, देशमा, डूगरीकला, टोरडी, गनवर व रिण्डल्यिा में 2-2 पशुओं में एवं चैनपुरा ग्राम पंचायत के चौसला में सबसे ज्यादा 20 पशुओं में लम्पी स्किन डिजीज पाई गई है, जिनका इलाज किया जा रहा है।
वही अब तक इस बिमारी के प्रकोप से एक गाय मोरला में व एक बछडी की मौत सोडा में हो चुकी है।

गांव गांव दे रहे है सलाह
पशु चिकित्सा प्रभारी डॉ. अनिल परतानी गांवों में किसानों को सलाह दे रहे की बीमारी मुख्यतरू मानसून के समय फैलती है और इस बीमारी का कोई विशेष उपचार नहीं है, लेकिन पशुपालक अपने मवेशियों का विशेष ध्यान रखते हुए इस रोग से बचाव कर सकता है।

पशुपालकों को यह ध्यान रखना अति आवश्यक है कि इस बीमारी से प्रभावित क्षेत्रों में अपने पशुओं को एवं स्वयं को जाने से रोकना चाहिए। बीमारी से प्रभावित क्षेत्र से पशुओं की खरीदारी नहीं करनी चाहिए अपने प्रभावित पशुओं को चरने के लिए बाहर नहीं भेजे।

प्रभावित पशुओं को द्वितीय संक्रमण होने से बचाने के लिए एंटीबायोटीक्स से उपचार अतिशीघ्र करवाने एवं संक्रमित पशुओं को स्वस्थ पशुओं से लगभग एक माह तक अलग रखना चाहिए। प्रभावित पशुओं के बाड़े में मच्छर एवं मक्खियों का संक्रमण ना होने दे।

इसके लिए साफ.सफाई बाड़े में धुआं एवं कीटनाशक दवाइयों का स्प्रे करें इसके साथ ही इस रोग से बचाव के लिए एंटीबायोटिक एंटी एक्प्लेमेटरी और एंटीहीस्टामीनिंक दवाएं भी दी जा सकती है।

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