देर रात कुछ लोगों ने कंवरपुरा के पास लगी वितरिका के गेट के बोलट खोल दिया। इससे ओवरफ्लो हुई वितरिका का पानी टेल स्थित खेतों में बोई गेंहू व सरसों की फसलों में भरने लगा। दशरथ छाबा, विजेश सहित अन्य किसानों ने बताया कि सचना मिलने पर मौके पर पहुंचे किसानों ने परियोजना अभियंताओं को सूचना दी, लेकिन वहां कोई नहीं आया।
इसके बाद किसानों ने अपने स्तर पर मशक्कत से गेट को बंद कर मिट्टी के कट्टे लगाकर पानी रोकने का प्रयास किया। किसान दिनेश, प्रहलाद, राजाराम सहित अन्य ने बताया कि पानी में करीब तीस बीघा भूमि पर बोई गेंहू व सरसों की फसल जलमग्न होकर नष्ट होने के कगार पर है।
इधर, परियोजना के सहायक अभियंता ब्रह्मानंद बैरवा का कहना है कि प्रतिदिन वितरिका में पानी सुबह शुरू कर शाम को बंद कर दिया जाता है। असामाजिक तत्व हर साल वितरिका के गेट से छेड़छाड़ करते है इससे खेतों में पानी भर जाता है।