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शिक्षक बनने की चाह में दिखा उत्साह, शांतिपूर्ण ढंग से हुई परीक्षा

locationटोंकPublished: Sep 27, 2021 07:30:04 am

Submitted by:

pawan sharma

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर सें आयोजित रीट की परीक्षा जिले के 90 केन्द्रों पर शांतिपूर्ण सम्पन्न हुई।
 

शिक्षक बनने की चाह में दिखा उत्साह, शांतिपूर्ण ढंग से हुई परीक्षा

शिक्षक बनने की चाह में दिखा उत्साह, शांतिपूर्ण ढंग से हुई परीक्षा

टोंक. माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से रविवार को जिले के 90 केन्द्रों में हुई रीट की परीक्षा शांतिपूर्ण सम्पन्न हुई। परीक्षा में ना तो कोई नकल का मामला सामने आया और ना ही किसी प्रकार का हंगामा या प्रदर्शन हुआ। परीक्षा से पहले व बाद में यातायात को लेकर पुलिस पर जबरदस्त दबाव रहा। कई बार समझाने के बाद भी जब वाहन को सही जगह पर नहीं लगाया गया तो पुलिस ने कई वाहनों की हवा निकाल दी।
दूसरी तरफ एक सप्ताह से परीक्षा की तैयारी में लगे अधिकारी-कर्मचारियों ने रीट परीक्षा की दोनों पारियों की समाप्ति के बाद राहत की सांस ली। परीक्षा नियंत्रण कक्ष के अनुसार पहली पारी में 9.85 तथा दूसरी पारी में 9.92 प्रतिशत परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे। परीक्षा नियंत्रण कक्ष के अनुसार रीट परीक्षा की पहली पारी में 28495 परीक्षार्थी पंजीकृत थे, जिसमें से 2807 अनुपस्थित रहे। इनका प्रतिशत 9.85 रहा। दूसरी पारी में 28497 पंजीकृत थे, जिसमें से 2826 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे। इनका प्रतिशत 9.92 रहा। जिला प्रशासन की ओर से रीट परीक्षा में 90 केन्द्रों में 90 माइक्रो ऑब्जर्वर लगाए गए थे। वहीं 14 ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किए थे तथा 24 फ्लाईंग स्कॉयड (उडऩदस्ता) का गठन किया था। यह उडऩ दस्ता दोनों पारियों में गश्त कर रहा था। परीक्षा के लिए टोंक में 46, देवली में 8, मालपुरा में 9, निवाई में 12, पीपलू में 3, टोडारायसिंह में 5, उनियारा में 7 केन्द्र बनाए गए थे।
बाजार में रहा सन्नाटा
यूं तो माह के अंतिम रविवार को शहर का बाजार बंद रहता है, लेकिन रीट परीक्षा के चलते श्रीव्यापार महासंघ ने रविवार को नाश्ते, ई-मित्र और कॉपी-किताब वालों को दुकानें खोलने की अपील की थी। इसके अलावा अन्य दुकानें बाजार में बंद थी। ऐसे में बाजार में सन्नाटा रहा। लोग भी
परीक्षा के चलते घर से बाहर कम ही निकले।
युवाओं में मिला शाम को चेन
रीट परीक्षा के चलते राज्य सरकार ने रविवार सुबह 6 से शाम 6 बजे तक नेट बंद कर दिया। ऐसे में जो युवा परीक्षा नहीं दे रहे थे, उनमें दिनभर बेकरारी रही। शाम को जैसे ही नेट शुरू हुआ तो उनको चेन मिला। शाम को मोबाइल फोन पर 12 घंटे बाद शुरू हुए नेट से मैसेज की लाइन लग गई।
लोगों व संस्थाओं ने मदद में नहीं छोड़ी कसर
परीक्षा देने के लिए जिले में प्रदेश के कोने-कोने से परीक्षार्थी आए। उनकी हर सम्भव मदद करने में शहर के समाजसेवी व संस्थाओं से जुड़े लोगों ने कोई कसर नहीं छोड़ी। यहां तक कई संगठनों की ओर से हैल्प डेस्क तक लगा दी गई। ताकि परीक्षा देने आने वाले परीक्षार्थी को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो। वहीं कई संस्थाओं की ओर से भोजन व नाश्ते की व्यवस्था दो दिन से चल रही है। वहीं सभी परीक्षा केन्द्रों के बाहर शीतल पेयजल के लिए कैम्पर भी रखे गए। रविवार अलसुबह से ही लोग बाहर से आए लोगों को केन्द्र तक पहुंचाने में लोगों ने मदद की। कुछ स्थानों पर लोगों ने स्वयं के वाहनों से भी परीक्षार्थियों को केन्द्र तक छोड़ा। शहर में परीक्षार्थियों की मदद के लिए तीन दिन पहले ही तैयारियां कर ली गई। सोशल मीडिया पर इसका प्रचार-प्रसार किया गया। ताकि शहर व जिले में आने वाले परीक्षार्थियों को इसका पता लग सके। वहीं शहर में हर वर्ग के युवाओं ने परीक्षार्थियों की मदद में बढ़-चढकऱ हिस्सा लिया। यहां तक की देर रात तक आने वालों के लिए युवाओं ने भोजन भी तैयार किया। कई ने तो परीक्षार्थियों को परीक्षा केन्द्र तक भी छोड़ा है। वहीं परीक्षा शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न होने पर लोगों ने भी राहत की सांस ली।
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