इससे रोडवेज कर्मियों को समय से वेतन भी नहीं मिल पा रहा था। अब पांच दिवसीय दीपोत्सव समाप्त होने के बाद आगार के यात्री भार में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इससे तंगहाली से जूझ रहे टोंक आगार के कर्मचारियों को सुविधा मिलेगी तथा संसाधनों में भी बढ़ोतरी होगी।
प्रतिदिन 32 हजार किलोमीटर
आगार की 99 बसें प्रतिदिन 30 से 32 हजार किलोमीटर का सफर तय करती हैं। प्रत्येक चालक को 5.15 किलोमीटर प्रति लीटर डीजल औसत लाने व प्रति किलोमीटर निर्धारित यात्री भार प्राप्त करना होता है।
मुख्यालय की ओर से प्रदेश के 9 जोन में आने वाले सभी आगार प्रबंधकों को लक्ष्य निर्धारित कर उसे प्राप्त करने के निर्देश दिए जाते हैं। निर्धारित लक्ष्य नही पाने पर उस आगार को घाटे की श्रेणी में रख आगामी वित्तीय वर्ष में घाटे से उबरने के उपाय करने होते हैं। गत महीनों से टोंक आगार निर्धारित लक्ष्य हासिल नहीं कर पा रहा था।
कोटा के अलावा प्रदेश में
अजमेर , भरतपुर,
बीकानेर , जयपुर, जयपुर सीटीएस,
जोधपुर , सीकर,
उदयपुर जोन हैं। सभी जोन में एक डीलक्स सहित 51 डिपो शामिल हैं। यूं रहा यात्री भार
21 अक्टूबर 70त्न
22 अक्टूबर 74त्न
23 अक्टूबर 84त्न
9 जोन में 51 आगार
बस स्टैण्ड पर दिनभर लगा रहा तांता गत दिनों यात्रीभार में काफी गिरावट आ गई थी। दीपावली समाप्त होने के साथ आगार के यात्री भार में बढ़ोतरी हुई है। लक्ष्य के मुकाबले आगार को अधिक यात्रीभार मिल रहा है।
रामचरण गोचर, मुख्य आगार प्रबन्धक टोंक।