उपधान तप की तपस्या के दौरान धर्म सभा को संबोधित करते हुए युवा मनीषी मनीष सागर ने कहा कि सांसारिक जीवन में रहकर मनुष्य जब तक आत्म शुद्धि नहीं करेगा, तब तक वह सांसारिक मोह माया के जाल में फसा रहेगा। उन्होंने कहा कि जीवन में तन मन में विकारों के उदय विलय का क्रम जीवन भर चलता रहता है। यदि हम इस तप के माध्यम से अपने जीवन का आत्मचिंतन करेंगे तो निश्चित ही सुकून एवं आनंदमई जीवन जीने के लिए धर्म के मार्ग पर चलनें का अनुभव होगा।
उपधान तप की 51 दिन की तपस्या के तहत उपधान तप की साधना करने वाले श्रावक श्राविका को इस तपस्या के दौरान साधु की तरह जीवन जीने के साथ-साथ धार्मिक क्रियाओं के साथ जीवन जीने की क्रियाएं प्रतिदिन कराई जा रही है। उपधान तप कार्यक्रम में संपूर्ण भारत से लगभग 450 श्रद्धालु भाग ले रहे हैं।
धर्म पर चलने से सब संकट दूर: गणिनी टोंक. श्री दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र मेहंदवास में स्वस्ति धाम जहाजपुर की प्रणेता गणिनी आर्यिका 105 स्वस्ति भूषण के सान्निध्य में शनिअरिष्ट निवारक श्री1008 श्री मुनिसुव्रत विधान का आयोजन किया गया। समिति मंत्री वीरेंद्र जैन संघी ने बताया कि विधान के सौधर्म इंद्र सुरेश कुमार, अशोक कुमार संघी रहे।
समिति के अध्यक्ष कमलेश जैन ने बताया कि शांति धारा करने का सौभाग्य चांद मल विरेंद्र कुमार संघी एवं विमल कुमार अशोक कुमार मेहंदवास तथा प्रथम अभिषेक अनिल कुमार नवीन कुमार टोंक, मंडल पर मुख्य मंगल कलश स्थापना करने का सौभाग्य मंजू देवी चांदमल सघी टोंक को मिला।
प्रवक्ता, रमेश जैन ने बताया कि गणिनी आर्यिका ने अपने प्रवचन में कहा की धर्म पर चलने से सब संकट दूर हो जाते हैं। इस अवसर पर श्याम लाल, भागचंद फुलेता, विमल बरवास, पारस चंद, ओम, ज्ञानचंद टोरडी, नीरज, विनोद, बंटी, राजेश जैन, विष्णु बोहरा, सुशील, नेमी चंद निवाई वाले उपस्थित थे।