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सरकारी स्कूलों में शिक्षक विद्यार्थियों से निजी काम भी कराने से नहीं चूक रहे

बंथली. सरकार शिक्षा को लेकर बहुत ही प्रयत्नशील है, लेकिन शिक्षकों की मनमानी के चलते विद्यार्थियों को शिक्षण कार्य के स्थान पर अध्यापकों का निजी कार्य करना पड़ रहा है।

टोंकAug 01, 2018 / 11:59 am

Kamal Bairwa

विद्यालय

बंथली के रा. उ. मा. विद्यालय बडोली में शिक्षक की बाइक धोते विद्यार्थी।

बंथली. सरकार शिक्षा को लेकर बहुत ही प्रयत्नशील है, लेकिन शिक्षकों की मनमानी के चलते विद्यार्थियों को शिक्षण कार्य के स्थान पर अध्यापकों का निजी कार्य करना पड़ रहा है। ये हालात रा. उ. मा. विद्यालय बड़ोली के विद्यालय का है। जहां शिक्षक पढ़ाई करवाने के स्थान पर विद्यार्थियों से स्वयं के कार्य करवा रहे हैं।
साथ ही सप्ताह में तीन दिन दिए जाने वाला दूध भी कम मात्रा में दिए जाने से ग्रामीणों में नाराजगी है। ग्रामीणों ने बताया कि शिक्षक विद्यालय समय में विद्यार्थियों से अपनी बाइक को धुलवाते हैं। इससे अध्यापकों के प्रति ग्रामीणों की नाराजगी है। मंगलवार को भी विद्यार्थियों से बाइक धुलवाई गई। इधर, प्रधानाचार्य नत्थूलाल राव ने बताया कि बाइक धोने की घटना हुई है तो गलत है।
ये अब नहीं होगा।
सरपंच शिमलादेवी मीणा ने बताया कि प्रधानाचार्य सहित दूध वितरण प्रभारी की शिकायत जिला कलक्टर व देवली एसडीओ को भेजी जाएगी।

कॉलेज शिक्षकों को नवीन वेतन का इंतजार
टोंक. राज्य सरकार ने प्रदेश के अन्य कर्मचारियों को तो नवीन वेतनमान दे दिया, लेकिन महाविद्यालय शिक्षकों का अटका दिया है। इसके चलते महाविद्यालय शिक्षक नवीन वेतनमान का इंतजार कर रहे हैं। जबकि जुलाई का माह समाप्त होकर नया महीना शुरू हो गया है। ये नवीन वेतनमान प्रदेश के सभी 220 तथा जिले के 7 महाविद्यालयों में लागू नहीं किया गया है। ऐसे में जिले के सभी महाविद्यालयों के 120 शिक्षकों को झटका लगा है।
हालांकि रुक्टा (राष्ट्रीय) शिक्षक संघ के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रमुख शासन सचिव तन्मय कुमार व संयुक्त सचिव वी. एस. बांकावत से मुलाकात कर नवीन वेतनमान दिलाने को कहा है। रुक्टा (राष्ट्रीय) के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य रामस्वरूप मीना ने बताया कि राज्य के अधिकांश कर्मचारियों को नवीन वेतन आयोग का लाभ दिया जा चुका है, लेकिन महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय शिक्षक अभी इस लाभ से वंचित है।
जबकि उनका संगठन नवीन यूजीसी के वेतनमान के अनुरूप सातवें वेतन आयोग का लाभ देने की मांग कर रहा है। इसके बावजूद प्रदेश के महाविद्यालय शिक्षकों को नवीन वेतनमान से वंचित रखा गया है। इसके चलते महाविद्यालय शिक्षकों में नाराजगी है। उनकी अन्य मांगों का भी निस्तारण नहीं किया जा रहा है।

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