उन्हें रविवार देर रात एक युवती कालीपलटन इलाके में नंगे पैर घूमती मिली। पहले तो उसे आस-पास की माना, लेकिन उसके पैर में चप्पल नहीं होने और संदिग्ध लगने पर पूछताछ की। वह कोई जवाब नहीं दे पाई। ऐसे में पुलिस उसे कोतवाली थाने ले आई। जहां उससे बात करने की कोशिश की, लेकिन वह दिमागी रूप से कमजोर होने पर बताने में असमर्थ रही।
बहरहाल पुलिस ने काफी प्रयास और उसे विश्वास में लेकर नाम पूछा तो उसने स्वयं को दिल्ली की बताया, लेकिन उसकी भाषा को लेकर पुलिस को कुछ संदेह हुआ। ऐसे में फिर से प्रयास किया गया तो पता चला कि वह भीलवाड़ा जिले के जहाजपुर थाना क्षेत्र के एक गांव की निकली। ऐसे में कोतवाली थाना प्रभारी जितेन्द्रसिंह ने जहाजपुर थाना प्रभारी इमरान को युवती के बारे में बताया और उसके गांव में तस्दीक करने को कहा।
इस पर जहाजपुर थाना प्रभारी इमरान ने युवती के गांव में पूछताछ की तो उसके भाई ने बताया कि वह सुबह से ही लापता है। ऐसे में कोतवाली थाना पुलिस ने युवती को जनाना अस्पताल स्थित सखी वनी स्टॉफ सेंटर में छोड़ दिया। जहां सोमवार सुबह उसका भाई और अपनी बहन को ले गया। साथ ही उसने कोतवाली थाना पुलिस को इसेक लिए धन्यवाद भी दिया।
दूसरी तरफ कोतवाली थाना पुलिस की तारीफे काबिल बात यह भी है कि शहर में कई घटनाएं कई हो चुकी है। कुछ दिनों पहले ही सदर थाना पुलिस को बमोर रोड पर हाइवे से कुछ दूरी पर एक महिला का शव बोरे में बंद मिला है। उसकी अभी तक शिनाख्त नहीं हो पाई है। ऐसे में टोंक में भी ऐसा घटना हो सकती थी, जो पुलिस की सजगता से बच गई। दरअसल युवती दिमागी रूप से कमजोर होने पर स्वयं के बारे में नहीं बता पा रही थी तो कई तरह की सम्भावनाएं बनती है।