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कागज, कलम की रण भेरी में, शंख नाद तो भर देता है…

locationटोंकPublished: Jul 25, 2021 07:02:58 pm

Submitted by:

pawan sharma

कागज, कलम की रण भेरी में, शंख नाद तो भर देता है । वो कविता का साधक जग में, समर आवाह्न कर देता है ।

कागज, कलम की रण भेरी में, शंख नाद दो भर देता है...

कागज, कलम की रण भेरी में, शंख नाद दो भर देता है…

कागज, कलम की रण भेरी में,
शंख नाद तो भर देता है ।
वो कविता का साधक जग में,
समर आवाह्न कर देता है ।

राष्ट्र धर्म जिसका लक्ष्य हो,
अलख जगाना जिसका काम।
युवा मन में जोश जगा दे,
मृत भावों में भर दे प्राण।
ऐसा कवि,अपनी कविता से,
त्याग,समर्पण भर देता है।
वो कविता का साधक……
जीवन पथ संघर्ष भरा हो,
बाधाओं का मेला हो।
नीरसता हो या प्रमाद हो,
चाहे मनुज अकेला हो।
कलम]शब्द]ओज वाणी से,
जोश, जूनून जो भर देता है ।
वो कविता का साधक…..

इतिहासों के पन्नों में जो,
गाथा पावन लिख देते है।
सूरज बनके नभ के भाल पर,
तिलक विजय का कर लेते है।
उन कवियों का राग भैरवी,
साहस दिलों में भर देता है।
वो कविता का साधक….
कागज, कलम की रण भेरी में,
शंख नाद दो भर देता है ।
वो कविता का साधक जग में,
समर आवाह्न कर देता है ।

राष्ट्र धर्म जिसका लक्ष्य हो,
अलख जगाना जिसका काम।
युवा मन में जोश जगा दे,
मृत भावों में भर दे प्राण।
ऐसा कवि,अपनी कविता से,
त्याग,समर्पण भर देता है।
वो कविता का साधक……
स्वरचित , ममता जाट, शिक्षक
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कोठी नातमाम टोंक

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