उल्लेखनीय है कि जन-जन की आस्था का केन्द्र बने डिग्गी में जलझूलनी एकादशी पर श्रीजी की डोल यात्रा कल्याणजी मन्दिर से स्नान के लिए श्रवण सागर सरोवर जाती है।जहां स्नान के बाद नगर भ्रमण कराया जाता है।
इधर, बरसात के मौसम के साथ ही सरोवर में पानी की आवक शुरू होने लगी है, लेकिन सरोवर में गन्दगी फैल रही है। इसका मुख्य कारण ग्राम पंचायत की ओर से सरोवर के पास ही कचरा संग्रहण का स्थान चिह्नित करना है। ऐसे में गांव का कचरा इसमें डालने के स्थान पर लोग रास्ते में ही डाल जाते है, जो उडकऱ सरोवर में इक_ा हो रहा है।
डिग्गी में साफ-सफाई के लिए ग्राम पंचायत की ओर से मेले के दौरान अतिरिक्त सफाईकर्मियों की नियुक्ति कर सफाई अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन आस्था के प्रतीक श्रवण सागर तालाब के किनारे, राजकीय बालिका माध्यमिक विद्यालय के मुख्य द्वार के सामने बने मार्ग में जगह-जगह गन्दगी जमा हो रखी है।
सरोवर में लोग मेले के दौरान स्नान भी करते हैं। ऐसे में सरोवर की सफाई होना आवश्यक है। एक तरफ मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन योजना चलाई जाकर सरोवर की साफ-सफाई सहित अन्य कार्य किए जा रहे हैं। वहीं डिग्गी के इन तालाबों की देखरेख करने वाला कोई नहीं है।
मॉडल तालाब बनाने की योजना का भी इनको कोई लाभ नहीं मिल रहा है। तालाब के पास स्थित राजकीय बालिका माध्यमिक विद्यालय में लगभग 200 छात्राएं अध्ययनरत हैं। प्रशासनिक एवं ग्राम पंचायत की उदासीनता एवं लापरवाही के चलते विद्यालय के चारों और गन्दगी के ढेर लगे होने तथा विद्यालय की चारदीवारी के निकट निकल रहे नालों में जमा कीचड़ व बस्ती के लोगों द्वारा विद्यालय के चारों तरफ गन्दगी डालने से वातावरण दूषित रहता है। विद्यालय में छात्राओं को दूषित वातावरण में ही पोषाहार खाना पड़ता है।
डाल रहे हैं कचरा
पीपलू. स्वच्छ भारत स्वच्छ मिशन के तहत कस्बे में रोजाना कचरा एकत्रित करने वाली गाड़ी कचरे को जल स्रोतों के किनारे डाल रही है। ग्रामीणों ने बताया कि कचरा वेन एकत्रित कचरे को थाने के पास स्थित पानी की टंकी के नजदीक नाले में डाला जा रहा है।
ग्रामीणों ने बताया कि जिस नाले में कचरा डाला जा रहा है। उस नाले में एनिकट बना हुआ है, जिसके भराव क्षेत्र में कचरा डाला जा रहा है। इससे ग्रामीणों ने पानी दूषित होने की आशंका जताई है। ग्रामीणों ने कचरे को किसी अन्य जगह डालने की मांग की।