श्रावक पंकज गोखरू ने बताया कि जैन धर्म के श्वेताम्बर स्थानकवासी पंथ के राष्ट्रीय संत शीतलराज ने नागपुर से जयपुर प्रस्थान के बीच आवां प्रवास के दौरान शनिवार को धर्म को तारणहार बताते हुए मन, वचन और कर्म की शुद्धि पर बल दिया। इस मौके पर आवां, दूनी के साथ कोटा से आए संत भी मौजूद रहे।
संघ के हैं, संस्थापक आचार्य हस्तीमल के शिष्य शीतलराज अखिल भारतीय सामयिक स्वाध्याय संघ के संस्थापक हैं। संघ देशभर में मानव-मात्र के कल्याण और उद्धार के लिए काम कर रहा है। संत धार्मिक ग्रन्थ और पुस्तकें लिखकर समाज में क्रान्ति के अग्रदूत भी बने हुए हैं।
माताजी को देगें दर्शन संत के अनुसार उन्हें राजस्थान पत्रिका के सिरमोर गुलाब जी कोठारी की माताजी कंचन जी कोठारी को दर्शन देने के लिए जल्द ही जयपुर पहुंचेंगे। जैन मुनि के त्याग, भक्ति, संयम, सादगी और अपनत्व के कारण सैंकड़ों जैन धर्मावलम्बियों के साथ हिन्दू धर्म के श्रद्धालु भी इनके अनुयायी हैं।