scriptटोंक सआदत अस्पताल की लैब अटका रही सांसे, जांच रिपोर्ट में दिनरात का आ रहा है अंतर | The difference in the investigation report in the hospital lab | Patrika News
टोंक

टोंक सआदत अस्पताल की लैब अटका रही सांसे, जांच रिपोर्ट में दिनरात का आ रहा है अंतर

मरीज के परिजनों इस बात से दुखी है कि मर्ज बड़ा है या सामान्य है।
 

टोंकMay 17, 2019 / 04:51 pm

pawan sharma

the-difference-in-the-investigation-report-in-the-hospital-lab

टोंक सआदत अस्पताल की लैब अटका रही सांसे, जांच रिपोर्ट में दिनरात का आ रहा है अंतर

टोंक. शहर स्थित जनाना व सआदत अस्पताल की लैब रोगियों तथा उनके परिजनों की सांस अटका रही है। दरअसल लैब की जांच रिपोर्ट तथा बाहर निजी लैब की जांच रिपोर्ट में दिनरात का अंतर आ रहा है।
ऐसे में रोगी समेत उनके परिजन भी परेशान हैं। वहीं चिकित्सक सरकारी लैब रिपोर्ट को ही सही मानकर उपचार कर रहे हैं, लेकिन इस उपचार से मरीज के परिजनों इस बात से दुखी है कि मर्ज बड़ा है या सामान्य है।
ये चिंता उन्हें सता रही है। जनाना अस्पताल में बुधवार को एक गर्भवति महिला की खून जांच के बाद अब सआदत अस्पताल में एक अन्य महिला की जांच रिपोर्ट में भी संदेह हो रहा है।
दरअसल कालीपलटन निवासी बगमा परवीन पत्नी हबीबुल्ला की तबीयत खराब होने पर परिजनों ने उसे सआदत अस्पताल में भर्ती कराया। चिकित्सक ने उसके खून की जांच कराने को कहा।

परिजनों ने बुधवार दोपहर साढ़े 12 बजे जांच कराई तो उसमें हिमाग्लोबिन 4.6 आया। ऐसे में चिकित्सक ने गम्भीर स्थित देख तुरंत भर्तीकरने को कहा। साथ ही एक युनिट रक्त चढ़ाने को कहा। बरहाल महिला के रक्त चढ़ाया गया।
गुरुवार सुबह साढ़े 10 बजे मरीज की दोबारा जांच कराईगईतो उसका हिमोग्लोबिन 9.9 आ गया। दोपहर पौने दो बजे फिर सरकारी लैब में जांच कराई गई तो हिमोग्लोबिन बढकऱ 10.0 हो गया।

ऐसे में चिकित्सक समेत परिजन चौंक गए। लैब की रिपोर्ट पर संदेह हुआ तो परिजनों ने मरीज की जांच निजी लैब पर कराई। जहां हिमोग्लोबिन 10.6 आया। ऐसे में परिजन परेशान हो गए।
वहीं दूसरी ओर चिकित्सकों का कहना है कि किसी मरीज के हिमोग्लोबिन कम हो और रक्त चढ़ाया जाए तो इतना नहीं बढ़ता जितना मरीज बेगमा परवीन के बढ़ा है।

इससे परिजन इस लिए चिंतित हो गए कि मरीज का मर्ज वाकय इतना बढ़ा था या रिपोर्ट के चलते मर्ज बढ़ा हुआ देखा गया। मरीज की हालत तथा मर्जको देखकर वे परेशान हैं कि रिपोर्ट किसी लैब की सही है।
परिजनों का कहना है कि शुरुआत में एक जांच निजी लैब पर कराई जाती तो शायद रक्त चढ़ाने जैसी स्थिति नहीं होती। अचानक चिकित्सक की ओर से मांगे गए रक्त को लेकर परिवार में अफरातफरी मच गई। जैसे-तैस कर रक्त लाया गया, लेकिन जांच रिपोर्टने उनकी परेशानी बढ़ा दी।

Home / Tonk / टोंक सआदत अस्पताल की लैब अटका रही सांसे, जांच रिपोर्ट में दिनरात का आ रहा है अंतर

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो