इसे लेकर मंगलवार रात करीब एक बजे दो दर्जन किसानों को मोबाइल पर मैसेज मिले। इस पर कालानाड़ा, सिरोही, दौलता, भगवानपुरा, दांता आदि गांवों के किसान सुबह 7 बजे ही मण्डी आ गए। दिनभर दलहल की तुलाई के लिए धक्के खाते रहे। उनके करीब एक दर्जन से अधिक वाहन मंूग व उड़द से लदे रहे, लेकिन शाम तक खरीद नहीं हुई।
राजफेड ने 5400 रुपए प्रति क्विंटल मंूग व उड़द की समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू की थी। इस सम्बन्ध में मण्डी प्रशासन का कहना है कि दलहन की खरीद राजफेड के जरिए क्रय-विक्रय सहकारी समिति को करनी थी। दलहन की समर्थन मूल्य पर खरीद को लेकर प्रतिदिन बारी-बारी से किसानों को मैसेज भेजकर बुलाया जा रहा है। ऐसे में अब बुधवार को आए किसानों की भी सम्भवतया गुरुवार को फसल की खरीद होगी। इससे भीड़ अधिक रहने का
अंदेशा रहेगा।
अंदेशा रहेगा।
लौटना पड़ा निराश
टोडारायसिंह. कृषि उपज मण्डी में बुधवार से समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू नहीं होने पर किसानों को निराश लौटना पड़ा। किसानों ने बताया कि मूंग की फसल की समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू की जानी थी। इसके चलतते दर्जनों किसान स्वीकृत खरीद केन्द्र पर मंूग की फसल लेकर पहुंच गए, लेकिन मौक पर खरीद केन्द्र मिला न संचालन करने वाले कार्मिक। इसके चलते किसानों को निराश लौटना पड़ा।
नहीं लगेगा मण्डी शुल्क टोंक. किसान गुरुवार से कृषि मण्डी में मंूग, उड़द की फसल समर्थन मूल्य पर पर बेच सकेंगे। विधायक अजीत मेहता ने बताया कि मण्डी में खरीद केन्द्रों की शुरुआत के आदेश सरकार ने दे दिए हैं। किसानों को मण्डी शुल्क भी नहीं देना होगा। इससे किसानों को हो रही परेशानियों से राहत मिलेगी। आने वाले दिनों में मण्डी में मंूगफली के लिए भी खरीद केन्द्रों की शुरुआत की जाएगी।
विधायक ने बताया कि किसानों की जिंसों का सही मूल्य दिलाने के लिए टोंक में खरीद केन्द्र शुरू करने को लेकर कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी से मांग की थी। इस पर कृषि मंत्री ने खरीद केन्द्र शुरू कराने की स्वीकृति दी है। साथ ही सरकार ने मण्डी शुल्क की समस्या को देखते हुए किसानों के लिए मण्डी शुल्क समाप्त कर दिया है।