जबकि नियमानुसार कर्मचारी कक्ष में एसी नहीं लग सकते। जब सफाई कर्मी वेतन की बात करते हैं तो उन्हें बजट का टोटा होना बता दिया जाता है। सफाईकर्मी शम्भु, विक्रम, रामवीर, विजय, मुकेश आदि ने बताया कि 16 जुलाई 2018 को नगर परिषद में सफाईकर्मियों की भर्ती हुई थी। उनका 10 माह का पुराना वेतन बकाया चल रहा है। नगर परिषद की ओर से समय पर वेतन नहीं दिया जाता। ऐसे में कर्मचारियों कि आर्थिक स्थिती खराब हो गई है।
लाभ नहीं देने पर कोर्ट ने अधिकरियों से मांगा जवाब टोंक. मृत शिक्षिका के परिजनों को 18 वर्षीय लाभ नहीं देने के मामले में राजस्थान उच्च न्यायालय की जयपुर पीठ ने शिक्षिका के पति की याचिका पर राज्य के प्रमुख शिक्षा सचिव, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक, टोंक जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी तथा जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक शिक्षा को कारण बताओ नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब तलब किया है।
न्यायाधीश अशोक कुमार गोड की एकलपीठ ने यह अंतरिम आदेश टोंक के सिविल लाइंस निवासी राधेश्याम शर्मा की ओर से एडवोकेट लक्ष्मीकांत शर्मा के जरिए दायर की गई याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए हैं। याचिका में बताया कि याचिकाकर्ता की पत्नी माया शर्मा की नियुक्ति 16 जनवरी 1980 को तृतीय श्रेणी शिक्षक के पद पर हुई थी।
विभाग द्वारा उसे 15 नवम्बर 1984 को नियमित किए जाने के बाद उसे 9 वर्षीय सेवा के परिलाभ का भुगतान 25 जनवरी 1992 को कर दिया गया। याचिकाकर्ता की पत्नी की 20 सितंबर 2000 को मृत्यु हो गई। जब उसकी मृत्यु हुई उससे पूर्व वह 18 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुकी थी, लेकिन विभाग ने उसकी मृत्यु हो जाने के कारण उसके परिजनों को 18 वर्षीय सेवा का परिलाभ नहीं दिया।
इससे व्यथित होकर याचिकाकर्ता ने कई बार विभाग को अभ्यावेदन भी दिए, लेकिन विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। इस पर प्रार्थी ने विभाग को विधिक नोटिस भी 18 फरवरी 2019 को भेजा। विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं किए जाने पर याचिकाकर्ता ने मृत शिक्षक पत्नी का 18 वर्षीय परिलाभ देने की गुहार करते हुए याचिका दायर की। अदालत ने सुनवाई के बाद पक्षकारों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब तलब किया है।
दे रहे हैं वेतन
सफाई कर्मियों का पुराना वेतन बाकी है। अब हर महीने वेतन दिया जा रहा है। नगर परिषद में एसी लगाए जाने की जानकारी नहीं है।
सचिन यादव, आयुक्त नगर परिषद टोंक