हादसों की तरफ ना तो उपखंड प्रशासन का ध्यान है और ना ही एनएचएआई प्रशासन का। साथ ही जिम्मेदार अधिकारी दुर्घटनाओं रोकने की कोशिश तक भी नहीं कर रहे हैं। पशुपालक भी शाम होते ही पशुओं को खुला छोड़ देते है जिससे हाईवे पर जगह जगह गायों का झुंड बैठा मिलता है, जिससे वाहन चालकों को वाहन चलाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है और वाहन चालकों को यात्रा में समय भी अधिक लगता है।
हाइवे प्रशासन द्वारा जगह-जगह टोल वसूला जा रहा है, लेकिन रोड पर गायों के झुंड को नहीं हटाया जाता है। गौरतलब है कि ग्रामीण क्षेत्र में दर्जनों गायों को पशु पालक न तो चारा खिलाते हैं और न ही अपने घर पर रखते हैं। सुबह-शाम दूध देने के समय पर गाय को बांध लेते हैं और फिर बाद में उन्हें छोड़ दिया जाता है। यह सब देखकर भी हाइवे प्रशासन द्वारा कोई कारगर कदम नहीं उठाएं जा रहे है, जिससे लोगों में रोष व्याप्त है। कौथून-लालसोट रोड पर भी गायों का जमावड़ा रहता है, जिससे राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
राजमहल वितरिका मार्ग पर अतिक्रमण
राजमहल. बीसलपुर बांध की दायीं मुख्य नहर से जुड़ी कस्बे के साईंजी बाग के करीब से गुजर रही राजमहल वितरिका माइनर संख्या चार के किनारे पर अतिक्रमण व बरसाती पानी भरने के कारण मार्ग अवरुद्ध हो रहा है, जिससे किसानों को अपने खेतों तक पहुंचने व परियोजना अभियंताओं को मरमम्त के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
साईं जी के बाग से देवीखेड़ा सडक़ मार्ग तक दो किमी दूरी पर बंद मार्ग खुलासा करवाने, ग्रेवल डलवाने के साथ ही अतिक्रमण हटाकर रास्ता खुलासा करवाने की मांग को लेकर कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष तेजाराम धवलपुरिया के नेतृत्व में किसानों ने बांध परियोजना के अधिशासी अभियंता आर सी कटारा को ज्ञापन देकर बताया कि संथली संडक़ मार्ग के पास सांईजी के बाग से लेकर देवीखेड़ा सडक़ मार्ग के बीच जगह-जगह बरसात का पानी भरा हुआ है।
वही दोनों तरफ कांटों की बाड़ लगी हुई है, जिससे आस पास के खेतों के किसान खेतों तक ट्रैक्टर व अन्य वाहन तो दूर पैदल भी नहीं पहुंच पा रहे है। इसी प्रकार नहरों में सिंचाई के लिए पानी छोडऩे के दौरान राजमहल वितरिका माईनर संख्या चार में रिसाव होने व वितरिका क्षतिग्रस्त होने के दौरान परियोजना को समय पर मरम्मत सामग्री व वाहन नहीं पहुंचने से किसानों के खेतों में पानी भर जाता है, जिसकों लेकर पूर्व में कई बार ग्राम पंचायत प्रशासन व विकास अधिकारी देवली को भी अवगत करवाया गया है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने से किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।