उल्लेखनीय है कि ई-गवर्नेश को प्रभावी बनाने तथा सरकारी योजनाओं में निष्पक्षता के लिए केन्द्र व राज्य सरकार ने सूचना प्रोद्यौगिकी एवं संचार विभाग के तहत आम आदमी की पहचान ऑन-लाइन करने को लेकर विशेष अभियान चलाया गया।
शहर व गांवों में विभाग के तहत आयोजित शिविरों के माध्यम से प्रत्येक व्यक्ति का आधार कार्ड बनवाने की पहल की गई। प्रत्येक विभाग व योजनाओं में आधार की अनिवार्यता के कारण ई-मित्र कियोस्कों पर आधार निर्माण मशीनो का संचालन किया गया, लेकिन कियोस्क धारकों की ओर से निर्धारित शुल्क से अधिक राशि वसूलने तथा निर्धारित स्थलों पर संचालन नहीं करने की शिकायतों पर मशीनों को बंद करना पड़ा।
विभागीय स्तर पर ई-मित्र कियोस्को पर आधार की मशीने चालू की गई। इनमें पंचायत समिति व ग्राम पंचायतों स्थित अटल सेवा केन्द्रों में मशीने स्थापित कर यह सुविधा शुरू की गई, लेकिन विभागीय अनदेखी के बीच उक्त स्थानों पर रखी मशीने या तो कागजो के डिब्बों में बंद पड़ी है, या सर्वर नहीं चलने का बहाना कर उक्त मशीनों को सिर्फ शो-पीस बनी हुई है। जहां संतोषप्रद जवाब नहीं मिलने से आमजन चक्कर काटने को मजबूर है।
भीड़ से कतराते हैं बैंक
राष्ट्रीयकृत बैंक व डाकघरों में भी आधार मशीने संचालित करने का प्रावधान है, लेकिन सम्बंधित बैंक में उपभोक्ताओं के लेन-देन के साथ आधार के लिए एकत्र होने वाली भीड़ से कतराते हैं। इसलिए मशीनो का संचालन शुरू नहीं कर रहे हैं। इधर, पोस्ट ऑफिस में संचालित आधार मशीन को सर्वर नहीं आने का हवाला देकर पल्लू झाड़ लेते हैं।
राष्ट्रीयकृत बैंक व डाकघरों में भी आधार मशीने संचालित करने का प्रावधान है, लेकिन सम्बंधित बैंक में उपभोक्ताओं के लेन-देन के साथ आधार के लिए एकत्र होने वाली भीड़ से कतराते हैं। इसलिए मशीनो का संचालन शुरू नहीं कर रहे हैं। इधर, पोस्ट ऑफिस में संचालित आधार मशीन को सर्वर नहीं आने का हवाला देकर पल्लू झाड़ लेते हैं।
इधर, प्रोगामर कुलदीप विजयवर्गीय ने बताया कि जीओ ट्रेकिंग में अटल सेवा केन्द्रों पर संचालन नहीं पाए जाने से अधिकांश आधार मशीने बंद की गई है। वर्तमान में पंवालिया व बरवास में आधार मशीने संचालित है।