scriptकाटजू को मिला SC से अवमानना नोटिस, कोर्ट में कहा- धमकाइए मत मुझे डर नहीं लगता | SC issues contempt notice to Markandey Katju; 'not scared' says the retired judge | Patrika News

काटजू को मिला SC से अवमानना नोटिस, कोर्ट में कहा- धमकाइए मत मुझे डर नहीं लगता

locationटोंकPublished: Nov 11, 2016 07:57:00 pm

Submitted by:

balram singh

मामला केरल के सौम्या बलात्कार केस का है। उस केस में सुप्रीम कोर्ट ने दोषी गोविंदसामी को हत्या के आरोप से मुक्त कर दिया था। उसे सिर्फ बलात्कार को दोषी माना और इसी की वजह से उसे 7 साल की सजा दी।

Markandey Katju

Markandey Katju

सुप्रीम कोर्ट ने अपने ही पूर्व जज मार्कंडेय काटजू को कोर्ट की अवमानना को नोटिस थमा दिया है। देश में पहली बार कोई सुप्रीम कोर्ट का पूर्व जज कोर्ट में पेश हुआ तथा ये भी पहली बार ही हुआ है कि कोर्ट ने अपने ही पूर्व जज को नोटिस दिया हो।
काटजू आज सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए। उनके कोर्ट में आने की वजह कोर्ट के एक फैसले पर कमेंट करने का था। मामला केरल के सौम्या बलात्कार केस का है। उस केस में सुप्रीम कोर्ट ने दोषी गोविंदसामी को हत्या के आरोप से मुक्त कर दिया था। उसे सिर्फ बलात्कार को दोषी माना और इसी की वजह से उसे 7 साल की सजा दी।
कोर्ट के इस फैसले से नाराज काटजू ने फैसले की आलोचना करते हुए लिखा कि कानून का छात्र भी ऐसी गलती नहीं कर सकता। इस पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस रंजन गोगोई और यू.यू.ललित ने काटजू से आग्रह किया था कि वे 11 नवंबर को कोर्ट में आएं और हमें बताएं कि फैसले में कहां कमी रह गई।
कार्रवाई शुरू होने पर बेंच ने काटजू से 30 मिनट में अपनी बात रखने को कहा गया। इस पर काटजू ने कहा कि मैं साबित कर दूंगा ये आईपीसी के सेक्शन 300 यानी हत्या का मामला है। काटजू ने कहा कि सौम्या ट्रेन से कूदी या गिर गई, कोर्ट को ये देखना चाहिए था कि इस तरह के हालात किसने पैदा किए?
इस पर काटजू को सर कह के संबोधित कर रहे जस्टिस ललित ने कहा – हत्या का मामला बनने के लिए सीधी वजह होना ज़रूरी है। सिर्फ संदेह के आधार पर किसी को हत्या का दोषी नहीं ठहराया जा सकता. सौम्या रेलवे ट्रैक से जितनी दूर मिली उससे यही लगता है कि वो खुद कूदी थी।
बेबाकी से अपनी बात रख रहे काटजू ने कहा – अरे! कॉमन सेन्स भी कोई चीज़ होती है. मैंने भी जज रहते कई गलतियां की हैं। मैं उन्हें दिखा सकता हूँ. इस पर जस्टिस गोगोई ने कहा – हम जानते हैं, अक्सर आपके जजमेंट पढ़ते हैं। आपके 30 मिनट पूरे हो चुके हैं। काटजू ने कहा आप जो भी फैसला करना चाहें करें, मुझे इससे फर्क नहीं पड़ता।
फैसला सुनाने के बाद जस्टिस गोगोई ने काटजू से पूछा कि क्या उन्होंने ही फैसले के खिलाफ लिखा था। इस पर काटजू ने हां कही। बेंच ने कहा- हम मानते हैं कि आपने जो लिखा वो फैसले की आलोचना नहीं बल्कि जजों को बुरा कहने की नीयत से लिखा गया था। हम आपको अवमानना का नोटिस जारी कर रहे हैं।
नोटिस से भड़के काटजू ने कहा- आप ऐसे नोटिस से मुझे मत डराइए। मैं आपके आग्रह पर यहां आया था। मुझसे बर्ताव करने का ये तरीका गलत है। काटजू को ऊंची आवाज़ में बोलता देख साफ तौर पर गुस्से में नज़र आ रहे जस्टिस गोगोई ने पुलिसवालों को काटजू को कोर्ट से बाहर ले जाने को कहा।
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