बस अपनी दृष्टि को सकारात्मक रखना है दुनिया का सब-कुछ अपना लगने लगेंगा। समिति पदाधिकारियों ने बताया कि प्रवचन के बाद मंगल-गीतों व जयकारों के बीच मुनि पुंगव की आहारचर्या हुई। आहारचर्या के पुण्यार्जक आवां निवासी पदम कुमार, रमेशकुमार गोयल परिवार रहे।
सामायिक के बाद देशभर से आए श्रद्धालुओं ने मुनि पुंगव को श्रीफल भेंटकर आशीर्वाद लिया। दोपहर में तीर्थ क्षेत्र परिसर में आचार्य विद्यासागर के आशीर्वाद एवं मुनि पुंगव सुधासागर के सानिध्य में पुण्यार्जकों ने पंचतीर्थ सम्मेद शिखरजी, गिरनारजी, पावापुरीजी, अष्टापद, चम्पापुरीजी की रचना का शिलान्यास हुआ।
शिलान्यास समारोह के दौरान आचार्य विद्यासागर, मुनि पुगंव सुधासागर ससंघ के जयकारों से गुंज उठा। शाम को मुनि पुंगव ने श्रद्धालुओं की जिज्ञासा का समाधान किया। सुबह श्रद्धालुओं ने मंदिर में भगवान का अभिषेक कर शांतिधारा की। इस मौके पर पं. आशीष शास्त्री, हसंराज पाटनी, अशोक बज, अभिलासा जैन सहित अन्य मौजूद थे।
नगरफोर्ट. कस्बे में जैन धर्म के होने वाले जिन बिम्ब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा उत्सव के लिए गौरवशाली पात्रों का चयन व दो दिवसीय मूर्ति विराजमान प्रतिष्ठा उत्सव संपन्न हुआ। इस दौरान मुनि विश्रांत सागर ने प्रवचन में कहा कि संसार में सभी प्राणी कर्म करते हैं। कुछ अच्छा तो कुछ बुरा।
भगवान ने सभी को अपने कर्म को सुधारने के लिए ही मानव जीवन प्रदान किया है। प्रवचन के पश्चात जिन बिम्ब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा उत्सव के लिए गौरवशाली पात्रों का चयन किया गया। जिसमें भगवान के माता-पिता निर्मला देवी-पदम जैन देई वाले, सौधर्म इंद्र पारसमल बंसल श्याम लाल, लोकेश कुमार व विनोद कुमार फुलेता वाले, धनपति कुबेर कमल जैन देई वाले, महायज्ञ नायक लाल चंद बंसल, यज्ञ नायक धर्मचंद बंसल फु लेता वाले, ईशान इंद्र नाथूलाल गर्ग, संतकुमार, इंद्र विमल जैन देई वाले, मतेंद्र इंद्र पदम जैन फु लेता वाले आदि गौरवशाली पात्र बनाए गए।
इसी प्रकार अष्टकुमारियां भी बनाई गई ,जिसमें हर्षिता बंसल, अवनी बंसल, दिव्यांशी कंसल, मिलन पाटनी, वंशिका बंसल, दिया गोधा अलीगढ़, मुस्कान पाटोदी को बनाया गया। इस अवसर पर जिन बिम्ब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा उत्सव समिति अध्यक्ष पदम जैन फु लेता वाले आदि मौजूद थे। मुनि विश्रांत सागर का आहार राजेंद्र कुमार सोनी व नरेश कुमार सोनी के यहां हुआ।