उन्होंने कहा कि अन्य स्थानों के लिए भले ही लाउडस्पीकर बहुत जरूरी न हो पर मंदिर-मस्जिद के लिए जरूरी है। इस पर कोई प्रतिबन्ध न लगाया जाए। बताया कि धार्मिक लोगों के लिए कोई ऐसा रोक ना लगाया जाए कि लोग अपने धर्म से हट जाए और लोग भगवान या मस्जिद के दरबार न पहुंच सके।
समाज में बहुत से लोग असामाजिक तत्वों से जुड़े रहते है, लेकिन जब लोग धार्मिक हो जाते है तो सभी असामाजिक कार्यों से दूर हो जाते है। जिससे समाज में किसी प्रकार का उपद्रव नहीं होता है। इसलिए मौलाना हो या संत हो सभी भगवान के कथा हो या आजान रसूल को लाऊडस्पीकर के द्वारा जो लोग मंदिर मस्जिद तक नहीं पहुंच पते है। उन्हें सुनते है जो कि सभी धर्म की बाते ही बताई जाती है। जिससे लोग धर्म से जुड़े तो कभी भी गलत कार्य नहीं होगा। यह संसार धर्म से जुड़ा हुआ है।
वही राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी सतेन्द्र दास ने कहा कि मंदिर और मस्जिदों में लाउड स्पीकर द्वारा धार्मिक कार्यों की बात करते है तथा जो अभी हम लोग अनुष्ठान करते है। उसे अधिक से अधिक लोग सुन सके जिसमें रामायण का पाठ, गीता का पाठ, वेदों का पाठ करते है। इस प्रकार के धार्मिक कार्य कर्मों में शामिल होने से आत्म बल मिलता है इसलिए लाउडस्पीकर बहुत जरूरी है। इससे देश में धार्मिक वातावरण का प्रभाव बढ़ता है।