इसी प्रकार सरसों खरीद केन्द्र प्रभारी सिराजुद्दीन ने बताया कि 1 मई तक 386 किसानों से 15 हजार 532 सरसों के कट्टोंं की खरीद की जा चुकी है। इस प्रकार 24 हजार 964 चने एवं सरसों के कट्टोंं की खरीद की जा चुकी है।
उन्होंने बताया कि माल बैचने वाले किसानों को 18 अप्रेल तक का भुगतान किया जा चुका है। शेष का भुगतान भी ऑनलाईन राजफेड द्वारा शीघ्र ही कर दिया जाएगा। उल्लेखनीय होगा सरकारी समर्थन मूल्य पर सरकार द्वारा विक्रय करने के लिए चने का भाव 4620 रुपए प्रति क्विंटल एवं सरसों का भाव 4200 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया हुआ है।
साथ ही एक किसान से एक बार में 25 क्ंिवटल ही माल खरीदने के निर्देश जारी किए गए है। अपना माल विक्रय करने वाले किसानों को ई-मित्र पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। जिसके लिए खसरा गिरदावरी, आधार कार्ड, भामाशाह कार्ड तथा बैंक की डायरी की फोटो प्रति भी लगानी होगी।
माल खराबे की आशंका-
जानकारी के अनुसार खरीद केन्द्र पर क्रय किए गए माल का सही तरीके से उठाव नहीं़ होने के कारण बिगडते मौसम में माल के खराब होने की आशंका बनी हुई है।
खरीद केन्द्र प्रभारियों ने बताया कि खरीद केन्द्र पर क्रय किए गए माल का परिवहन का ठेका राजफेड द्वारा अपने स्तर पर दिया गया है। ऐसी स्थिति में ठेकेदार द्वारा माल परिवहन के लिए गाडिय़ां लगाई जाती है, जो यहां से भरकर राजफेड द्वारा निर्धारित गोदामों में माल खाली करवाकर वापस आती है, लेकिन पर्याप्त मात्रा में परिवहन व्यवस्था नहीं होने से खरीदा गया माल मण्डी परिसर में खुले में पड़ा है।
मौसम में बदलाव के चलते खराबे की आशंका बनी रहती है। राजफेड को इस बारे में समय-समय पर लिखा जाता है, लेकिन इस बारे में तो राजफेड ही कार्रवाही कर सकता है। इस सम्बन्ध में राजफेड के अधिकारियों से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन सम्पर्क नहीं हो सका।