ये जानकारी ऑल इण्डिया मुस्लिम लॉ बोर्ड की सदस्य यास्मीन फारुखी ने मंगलवार को खलीलिया मदरसे में दी। यास्मीन ने बताया कि सरकार ने ना सिर्फ तीन तलाक को अवैध बताया है बल्कि सजा देने का भी प्रावधान रखा है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम महिलाएं 14 सौ साल से आजाद है। वे किसी प्रकार की बंदिश में नहीं है, लेकिन सरकार ने उन्हें बंदिश में बताया है जो गलत है।
साथ ही तलाक मामला धर्म से जुड़ा हुआ है। ऐसे में सरकार धार्मिक मामले में दखलअंदाजी नहीं करे। अन्य मामलों में भी सरकार ने दखलअंदाजी नहीं की तो इसमें भी नहीं करे। उन्होंने बताया कि देशभर की महिलाओं ने बिल के विरोध में जुलूस निकाला है। राजस्थान के भी कई शहरों में ये जुलूस निकाले गए हैं। इसी के तहत टोंक में भी जुलूस निकाला जाएगा।
इसके लिए महिलाओं की जगह-जगह बैठकें ली जा रही है। इस दौरान तहफ्फुज शरीयत कमेटी के सदर मुफ्ती आदिल नदवी, खुर्शीद अनवर, सैयद बरकात हसीन, मुजीब आजाद, शब्बीर नागौरी, एडवोकेट रईस अहमद, अताउल्लाह खान, जेबा खान आदि मौजूद थे।
टोंकी को खिराज-ए-अकीदत पेश की
टोंक. प्रसिद्ध शायर हाकिम जहूर आहमद नजर को खिराज-ए-अकीदत दारुल उलूम खलीलिया मदरसे में पेश की। इस दौरान हुई सभा का आयोजन बनास अदबी अंजुमन की ओर से किया गया। इसकी अध्यक्षता मौलाना अबुल कलाम आजाद अरबी फारसी शोध संस्थान के संस्थापक निदेशक शौकत अली खां ने की। शुरुआत कारी सय्यद मुजक्कीर अली ने तिलावत कलाम पाक से की।
इसके बाद शायर शाद टोंकी ने नजर टोंकी की नात पेश की। इस दौरान शौकत अली ने शायर नजर की जीवनी पर प्रकाश डाला। अंजुमन तरक्की उर्दू-हिंदी राजस्थान शाखा के कॉर्डीनेटर डॉ. अजीजुल्लाह शिरानी ने नजर की शायरी की विभिन्न विधाओं की जानकारी दी। इस दौरान अंजुमन के सचिव सय्यद आबिद शाह, डॉ. माकूल नदीम, शोक आहसनी, मौलवी मोहम्मद उमर नदवी, नाजिर टोंकी, शायर नाजिर टोंकी, केप्टन शमशेर खां, डॉ. सौलत खां, हकीम बुकरात, खालिद सहर, डॉ. सैयद बादर अहमद आदि मौजूद थे।