अपर लोक अभियोजक दीपक गौतम ने बताया कि न्यायालय ने आजीवन कारावास बरोनी के बस्सी निवासी श्योजी पुुत्र भंवरलाल गुर्जर, निवाई के झिलाय निवासी मुकेश पुत्र जगदीश गुर्जर तथा निवाई निवासी मेघराज पुत्र शिवदयाल जाट को सुनाई है। वहीं सात साल की सजा काली का बाग निवाई निवासी सुरज्ञान पुत्र रामनिवास गुर्जर को सुनाई है।
इसमें बरथल दत्तवास निवासी दामोदर पुत्र गणेश मीणा को दोषी माना है। इनमें से बीमारी के चलते दामोदर की मौत हो चुकी है। उन्होंने बताया कि हत्या निवाई के यारलीपुरा गांव निवासी जगदीश पुत्र आनंदीलाल गुर्जर की हुई थी। अपर लोक अभियोजक दीपक गौतम ने बताया कि अभियुक्त श्योजी लाल की पुत्री यारलीपुरा स्थित साडू के घर रहती थी।
उसका अपहरण मृतक जगदीश के भतीजे सज्जन ने कर लिया था। इससे श्योजीलाल नाराज था। उसने बदला लेनेे के लिए १८ अगस्त २०११ को जगदीश का बरथल चौराहे से अपहरण कर लिया। तब जगदीश ट्रक में बजरी लेकर खलासी रामकल्याण के साथ जा रहा था और वे बरथल चौराहा स्थित होटल पर चाय पी रहे थे।
इस दौरान श्योजी, मुकेश, सुरज्ञान, मेघराज, दामोदर आए और जगदीश का अपहरण कर उसे जीप में डालकर ले गए। बाद में जगदीश की हत्या कर दी और शरीर के टुकड़े कर चम्बल नदी स्थित रोटेदा पुलिया के नीचे बहा दिया।
डीएनए टेस्ट कराया
नदी में बहाने के दो दिन बाद कोटा के कॉपरेन थाना पुलिस को दो हाथ, दो पैर व सिर पानी में मिला। पुलिस ने शिनाख्त के लिए डीएनए जांच कराई। इसमें शिनाख्त जगदीश के अंगों के रूप में हुई। पुलिस ने खलासी रामकल्याण की ओर से मामला दर्ज कर जांच की। न्यायालय में अभियोजन पक्ष के 46 गवाह तथा 174 दस्तावेज पेश किए।
बचाव पक्ष के 11 गवाह तथा 5 दस्तावेज पेश किए। न्यायालय ने सुनवाई के बाद श्योजी, मुकेश तथा मेघराज को अपहरण तथा हत्या का दोषी मान उम्र कैद की सजा सुनाई। वहीं सुरज्ञान को अपहरण का दोषी मानते हुए सात साल की सजा सुनाई है। मामले में अभियुक्त मृतक दामोदर को भी अपहरण का दोषी माना है, लेकिन उसकी मौत हो चुकी है।