इस अवसर पर कुशल उपवन आयोजित धर्म सभा को संबोधित करते हुए युवा मनीषी मनीष सागर ने कहा कि भगवान की शरण में जाने के लिए धर्म के मार्ग पर चलना पड़ता है ,जिससे मनुष्य अपने जीवन को आनन्दमयी बनाकर सुख की अनुभुति करता है धर्म के मार्ग पर चलने का रास्ता गं्रथों में समाहित है जिस पर चलकर ही एक पुण्यात्मा भगवान की शरण में जाती है तथा स्वयं भगवान का रुप धारण कर लेती है।
जिस प्रकार भगवान महावीर ने कठोर तपस्या कर धर्म के मार्ग पर चलकर मोक्ष की प्राप्ति कर देवत्व रुप को प्राप्त किया। उन्होनें कहा कि मनुष्य को अपने जीवन में ईष्र्या से दूर रहते हुए ईश्वर के प्रति अपना ध्यान लगाना चाहिए। जहां ईष्र्या होती है वहां ईश्वर नहीं मिलता।
अग्रवाल समाज अध्यक्ष चंपालाल जैन, विमल जैन, अमरचंद जैन ,ओसवाल समाज की ओर से राजेंद्र कोठारी, सुमेरमल जैन, कुशल चंद लोढा, सरावगी समाज की ओर से एडवोकेट सुरेंद्र मोहन जैन, राजकुमार जैन ,नरेंद्र जैन, प्रकाश चंद पाटनी, प्रकाश चंद, शिखर चंद जैन एवं श्रीश्रीमाल परिवार की ओर से त्रिलोक चंद जैन ,साधना जैन,आंचल जैन सहित मार्ग में कई श्रद्धालुओं ने दीक्षार्थियों की छोल भराई कर पुण्य लाभ लिया। वहीं दोपहर में अहो ब्रह्मचर्य संयम संवेदना कार्यक्रम का आयोजन किया जाकर रात्रि को आज अभिनंदन है कल तुम्हें बंधन है, कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
सुबह व्यास सर्कल से भगवान महावीर स्वामी को पालकी में विराजमान कर लवाजमें के साथ 2 दिसंबर को दीक्षा लेने वाले मुमुक्षु मयंक लोढ़ा राजनांदगांव, मानस गोलेछा कोंडागांव, रानी खजांची बालाघाट ,गीतेश लालवानी रायपुर संयम कोटडिया मुंगेली दीक्षार्थी का वरघोड़ा निकाला गया, जो कस्बे के नवीन मंडी, सुभाष सर्कल, गांधी पार्क, जैन मोहल्ला, आजाद चौक, मानक चौक, पुरानी तहसील होते हुए ऋषभदेव मंदिर पहुंचा, जहां दर्शनों के पश्चात दादाबाड़ी पहुंचा।
दादाबाड़ी पहुंचने पर दिक्षार्थियों एवं श्रद्धालुओं का श्री जैन श्वेतांबर खरतरगच्छ संघ के विमल चंद सुराणा, अध्यक्ष प्रकाश चंद लोढ़ा, सचिव देवेंद्र मालू, प्रकाश चंद कोठारी, राजकुमार बेगानी, अनिल कुमार, ज्योती कोठारी सहित ट्रस्ट मंडल के सदस्यों ने स्वागत किया।