उल्लेखनीय है कि गांव को नशामुक्त एवं समृद्ध बनाने को लेकर टोकरावास के दर्जनों शिक्षित युवाओं ने वर्तमान एवं पूर्व जनप्रतिनिधियों सहित वृद्धजनों से रायशुमारी कर पूर्णतया शराबबंदी की योजना बनाई। युवाओं ने शराबबंदी की पहली सामूहिक जागरुकता बैठक 30 दिसंबर को आयोजित कर ग्रामीणों के समक्ष गांव को नशे से मुक्त करने करने का प्रस्ताव रखा।
ग्रामीणों ने एक स्वर में नशे के कारोबार को बंद करने में सहयोग करने को हाथ खड़े कर समर्थन कर दिया। इसके युवाओं सहित ग्रामीणों ने घर-घर जाकर नशा नहीं करने को जागरूक कर हस्ताक्षर अभियान चलाया और 31 दिसम्बर को देवली एसडीओ भारतभूषण गोयल व दूनी थानाप्रभारी रमेशचंद मीणा को ज्ञापन सौंप गांव में पूर्णतया अवैध एवं वैध शराब बंद करने की मांग की।
इसके बाद सामाजिक स्तर पर दबाव बना कारोबारियों से कारोबार बंद करने की गुहार करने पर अधिकतर कारोबारी अवैध कार्य बंदकर ग्रामीणों के समर्थन में आ गए। हालांकि देवली-उनियारा विधायक, जिला कलक्टर, देवली एसडीओ, दूनी कार्यवाहक तहसीलदार, आबकारी निरीक्षक को ग्रामीणों व युवाओं ने 10 जनवरी को ज्ञापन सौंप गांव के बीच व विद्यालय के समीप अनुबंधित शराब दुकान पूर्णतया बंद कराने की मांग पर सिर्फ आश्वासन मिला।
युवा घर-घर जाकर कर रहे जागरूक
टोकारावास गांव में पूर्णतया शराबबंदी की मुहिम से जुड़े दर्जनों युवा प्रतिदिन घर-घर जाकर शराब नशे का त्यागकर मुहिम सफल बना गांव को खुशहाल एवं समृद्ध बनाने को जागरूक कर रहे है। उल्लेखनीय है कि युवाओ एवं ग्रामीणों की ओर से गांव में पूर्णतया शराबबंदी का निर्णय लेने के बाद दूनी थानाप्रभारी रमेशचंद मीणा जाप्ते सहित गांव में जाकर लोगों को जागरूक कर मुहिम में सहयोग कर रहे है। शराबबंदी की मुहिम में गांव की महिलाएं शामिल होकर समर्थन कर रही है। ग्रामीणों ने बताया की निर्णय के बावजूद गांव में कोई व्यक्ति अवैध नशे का कारोबार एवं सेवन करता पाया जाता है तो उस पर अर्थदण्ड लगाने के साथ ही सामाजिक कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी।
यह प्रक्रिया है शराबबंदी की शराबबंदी की प्रक्रिया में अनिवार्यता प्रथम चरण में ग्राम पंचायत की मतदाता सूची में शामिल 20 प्रतिशत मतदाताओं के हस्ताक्षर करवाए जाते हैं। हस्ताक्षरों का सत्यापन करवाया जाता है। सत्यापन के बाद शराबबंदी के लिए मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम या जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया जाता है। अंतिम चरण में शराबबंदी को लेकर गांव में मतदान करवाया जाता है। लोगों से शराबबंदी के पक्ष व विपक्ष में वोङ्क्षटग करवाई जाती है। उसी आधार पर फैसला होता है। शराबबंदी के पक्ष में ज्यादा वोट पडऩे पर वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक तो यही शराब की दुकान जारी रहती है, लेकिन नए वित्तीय वर्ष में शराब की दुकान आवंटित ही नहीं की जाती।
कार्रवाई के लिए विभाग को भेजा है
शराबबंदी को लेकर होने वाली मतदान प्रक्रिया की जानकारी है, लेकिन यह आबकारी विभाग का मामला है। ग्रामीणों की ओर से ज्ञापन दिया गया था, जिसे आगे की कार्रवाई के लिए जिला कलक्टर एवं आबकारी विभाग को भेज दिया।
-भारतभूषण गोयल एसडीओ, देवली
कार्रवाई की जा रही है
ग्रामीणों की ओर से गांव में पूर्णतया शराबबंदी को लेकर शराब की दुकान बंद करने को ज्ञापन दिया गया था, इसके बाद मिले उच्चाधिकारियों के निर्देश पर कार्रवाई की जा रही है।
-देवेन्द्र कोर निरीक्षक आबकारी विभाग, देवली