अस्पताल में मरीजों की बढ़ रही भीड़ के कारण वार्ड में एक पलंग पर तीन से चार मरीज भर्ती किए जा रहे है। जिले के सबसे बड़े सआदत अस्पताल के अधीन मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य केन्द्र के शिशु वार्ड में भर्ती रोगियों की बढ़ रही संख्या के कारण गत दिनों जिला कलक्टर के निरीक्षण के बाद 20 बेड के शिशु वार्ड में 10 अतिरिक्त बेड बढ़ाए जाने के बाद भी प्रतिदिन वार्ड में एक बेड पर तीन से चार बच्चों को भर्ती कर उनका इलाज किया जा रहा है।
अस्पताल के बच्चा वार्ड में सबसे ज्यादा निमोनिया एवं डेंगू के मरीज भर्ती हो रहे हैं। सोमवार को इस वार्ड में एक पलंग के चार बच्चे भर्ती थे । सोमवार को ओपीडी के दौरान तीस बेड पर 87 बच्चे भर्ती मिले। ऐसे हालात में बच्चों में संक्रमण फैलने की आशंका बनी हुई हैं। वार्ड में 1 अक्टूबर से अब तक 2000 से अधिक शिशुओं को भर्ती कर उपचार किया गया है।
इतना ही नही अब तक 102 बच्चों को जयपुर रेफर किया जा चुका हैं । जिले में डेंगू न सिर्फ बच्चों बल्कि बड़े महिला एवं पुरूषों में भी बड़ी तेजी से फैल रहा हैं, अपनी नाकामी छिपाने के लिए अब तो चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना रोगियों की तरह इसके आंकडों के लिए जिले से कोई जानकारी दिये जाने पर रोक लगा दी हैं।
पायलट भी कर चुके सआदत अस्पताल का दौरा राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम एवं टोंक विधायक सचिन पायलट के विधानसभा क्षैत्र टोंक का सआदत अस्पताल जिले का सबसे बडा अस्पताल हैं, लेकिन हालात डिस्पेंसरी से भी ज्यादा खराब हैं वैसे तो इसी महिने पूर्व डिप्टी सीएम पायलट ने अस्पताल को लेकर मिली शिकायतों के बाद अस्पताल का औचक निरीक्षण किया था, जिस दौरान मरीजों एवं कांग्रेसियों ने शिकायत की थी ।
मामले की गम्भीरता को भांपते हुए पायलट ने जिला कलक्टर चिन्मयी गोपाल को सआदत अस्पताल की व्यवस्थाओं को दुरूस्त किये जाने का जिम्मा सौंपा था । जिन्होंने सआदत अस्पताल सहित उसकी संबंधित यूनिट राजकीय मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य केंद्र टोंक का भी निरीक्षण किया लेकिन आज भी हालात सुधर नही पाये ।