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बजट से उम्मीद: टोंक को विकास की दरकार, बड़ी कम्पनियां कर सकती है बेरोजगारी दूर

locationटोंकPublished: Feb 23, 2021 09:45:42 pm

Submitted by:

pawan sharma

राज्य सरकार की ओर से बजट में ध्यान दिया जाए तो जिला विकास के पथ पर तेजी से बढ़ सकता है। वहीं इस साल लोग यह भी उम्मीद लगाए बैठे हैं कि उनकी सालों से चली आ रही रेल की मांग को राज्य सरकार पूरा करेगी। जिले में सबसे बड़ी जरूरत किसी बड़ी कम्पनी का जिले में आना है।

बजट से उम्मीद: टोंक को विकास की दरकार, बड़ी कम्पनियां कर सकती है बेरोजगारी दूर

बजट से उम्मीद: टोंक को विकास की दरकार, बड़ी कम्पनियां कर सकती है बेरोजगारी दूर

टोंक. राज्य सरकार की ओर से बजट में ध्यान दिया जाए तो जिला विकास के पथ पर तेजी से बढ़ सकता है। वहीं इस साल लोग यह भी उम्मीद लगाए बैठे हैं कि उनकी सालों से चली आ रही रेल की मांग को राज्य सरकार पूरा करेगी। जिले में सबसे बड़ी जरूरत किसी बड़ी कम्पनी का जिले में आना है।

यूं तो जिले में कई स्थानों पर औद्योगिक क्षेत्र है, लेकिन वहां स्थानीय लोगों की ही इकाइयां है। ऐसे में वे बड़े स्तर पर लोगों को रोजगार मुहैया नहीं करा पाती है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह जिले में किसी बड़ी कम्पनी से करार करे और उसे स्थापित करे। इससे लोगों को रोजगार के अवसर पर प्राप्त होंगे। इससे जिले का आर्थिक रूप से विकास हो सकेगा।

हालांकि राज्य सरकार जिले के पर्यटन की ओर ध्यान दे तो जिला आर्थिक रूप से मजबूत हो सकता है। पर्यटक आने पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे तथा आर्थिक आय भी शुरू हो जाएगी। जिले में पर्यटन की असीम सम्भावनाएं हैं। जिला मुख्यालय पर एपीआरआई, कच्चा बंधा, पक्का बंधा, सुनहारी कोठी है। जहां सरकार को ध्यान देने की आवश्यकता है।
इसके अलावा टोंक में फे्रजर पुल से गहलोद मार्ग तक बनास नदी पर चौपाटी का निर्माण किया जाए तो निश्चित रूप से पर्यटकों को लुभाया जा सकता है। बरसात के दिनों में बनास नदी पर घूमने के लिए जयपुर समेत कई जिलों से लोग आते हैं। कई बार तो पुलिस जाप्ता तक लगाना पड़ता है। ऐसे में यहा चौपाटी बना दी जाए तो टोंक में आय का मुख्य साधन हो सकता है। वहीं ककोड़ के समीप हाथी भाटा व नगरफोर्ट के समीप खेड़ा सभ्यता भी अपने आप में ईतिहास समेटे हुए है।

टोडारायसिंह की बावडिय़ां भी लुभाती है। ऐसे में जिला पर्यटन के हिसाब से बेहतर है, लेकिन सरकार की ओर से इन्हें स्थल घोषित नहीं किया गया है। इसके अलावा औद्योगिक क्षेत्र का विकास हो तो बेरोजगार कम हो। टोंक में रेल का मुद्दा भी राज्य सरकार बजट में पूरा कर सकती है। सरकार को आधी राशि केन्द्र को देनी है। वहीं शहर में बीड़ी, नमदा व गलीचा उद्योग पर योजना बनाई जाए तो ये उद्योग फिर से लोगों को रोजगार से जोड़ सकते हैं।
सरकार करे कम्पनी से करार

दरअसल टोंक में औद्योगिक एक भी बड़ी इकाई नहीं है। तेल मिल ही मुख्य उद्योग है। जबकि यहां देश की कोई बड़ी कम्पनी आए तो रोजगार के अवसर पैदा हो। वहीं उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार को योजनाओं में भी सरलीकरण करना होगा। उद्योगों को बढ़ाने के लिए ऋण व अनुदान की योजना बनाई जाए। औद्योगिक क्षेत्र में परिवहन की सुविधा मुहैया कराई जाए।

शिक्षा के क्षेत्र में भी बने बात
टोंक जिला शिक्षा के क्षेत्र में भी पिछड़ा हुआ है। उच्च व तकनीकी शिक्षा के लिए अन्य जिलों में जाना पड़ता है। जबकि टोंक जिला मुख्यालय को विश्वविद्यालय की आवश्यकता है। जिला मुख्यालय पर शिक्षा का हब बनाकर अन्य शिक्षा के केन्द्र खोले जाए तो विद्यार्थियों को अन्य जिलों में नहीं जाना पड़े। जिले की नगर पालिकाओं व नगर परिषद टोंक के पास फिलहाल निजी स्रोत के अलावा कोई बजट नहीं है। राज्य सरकार बजट में जिले की नगर निकाय को किसी योजना में बजट दे तो शहरों में विकास के कार्य किए जाए।

यह हैं मांग

टोंक: फे्रजर पुल से गहलोद मार्ग तक बनास नदी पर चौपाटी का निर्माण, औद्योगिक क्षेत्र का विकास- बाहर कम्पनी करे निवेश, निवाई: बस स्टैण्ड का निर्माण जरूरी, राजकीय अस्पताल को क्रमोन्नत कर 50 से 100 बैड,अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सक, महिला कॉलेज खोला जाए- अस्पताल में बने ऑपरेशन थियेटर , मालपुरा: बीसलपुर बांध का ओवरफ्लो पानी टोरडी सागर में डालने, औद्योगिक क्षेत्र का विकास, बाहर कम्पनी का आना जरूरी, टोडारायसिंह: कृषि उपज मंडी का दर्जा, पर्यटन का दर्जा मिले, बीसलपुर बांध के समीप चौपाटी , देवली: सेंड स्टोन निर्यात खान पर प्रतिबंध हटाया जाए, महिला कॉलेज खोला जाए , दूनी में राजकीय महाविद्यालय- नेगडिया पुल को पिकनिक स्थल
उनियारा: राजकीय कॉलेज को क्रमोन्नत करना, चिकित्सालय को ट्रोमा में बदला जाए, बीसलपुर बांध का पानी नहर से गलवा बांध में डालना , उनियारा-अलीगढ़ को रेल से जोडऩा, एसीजेएम को एडीजे कोर्ट में क्रमोन्नत, अधूरा स्टेडियम को पूरा कराना , हाउसिंग बोर्ड योजना लागू हो, रीको को विकसित किया जाए, पीपलू: अस्पताल को क्रमोन्नत किया जाए , कृषि विश्वविद्यालय खोला जाए, राजकीय महाविद्यालय खोला जाए।
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