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170 वां स्थान प्राप्त कर टोंक ने स्वच्छता में लगाई छलांग, जबकि गत वर्ष 329 वां था स्थान

locationटोंकPublished: Jun 24, 2018 09:51:17 am

Submitted by:

pawan sharma

वर्ष की तुलना में परिषद क्षेत्र में सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया गया है।
 

swachchhata survekshan

टोंक. स्वच्छ भारत अभियान के तहत केन्द्र सरकार की ओर से कराए गए सर्वे ने टोंक नगरपरिषद ने गत वर्ष की तुलना में रेंकिंग में स्थिति सुधारी है।

टोंक. स्वच्छ भारत अभियान के तहत केन्द्र सरकार की ओर से कराए गए सर्वे ने टोंक नगरपरिषद ने गत वर्ष की तुलना में रेंकिंग में स्थिति सुधारी है। एक लाख से अधिक आबादी वाले देश के 4041 शहरों में सर्वे कराया गया था, जिसमें टोंक नगर परिषद ने 170 वां स्थान प्राप्त किया है।
जबकि गत वर्ष टोंक को 329 वां स्थान मिला था। जबकि प्रथम सौ में राज्य से सिर्फ जयपुर एवं उदयपुर ही स्थान बना पाए है।

स्वच्छता सर्वेक्षण टीम बाजार, दुकान, कॉलोनी एवं गदंगी वाले स्थानों का निरीक्षण कर सफाई के संसाधनों के आधार रेंकिंग का निर्धारण करती है। टोंक नगर परिषद के सफाई कर्मचारियों को स्वच्छता सर्वे में टोंक में सफाई व्यवस्था में सुधार मिलने पर मिठाई खिला कर खुशी व्यक्त की गई।
जनता को दिया श्रेय
सभापति लक्ष्मी देवी जैन ने बताया कि गत वर्ष की तुलना में परिषद क्षेत्र में सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया गया है। रेंकिंग में सुधार होने का श्रेय उन्होंने जनता को दिया है। जनता के सहयोग से ही इसे सौ के नीचे लाया जाएगा। कचरा मोबाइल वैन घर-घर से कचरा उठा रही है।
इस व्यवस्था का जीपीएस से ध्यान रखा जा रहा है। घर-घर कचरा पात्र वितरित किए गए है।शहर में 200 बड़े एवं 60 छोटे कचरा पात्र रखे हुए है। परिषद ओडिएफ घोषित किया जा चुका है।
शहर से प्रतिदिन करीब अस्सी टन कचरा उठाया जा रहा है। वहीं सफाई कर्मियों के कई पद खाली होने के बाद भी सभी मुश्तैदी से कार्य किया है, जिसकी बदौलत टोंक ने सफाई कार्य में अन्य जिलों अपेक्षा लम्बी छलांग लगाई है।
नगर परिषद के दल ने किया निरीक्षण

टोंक. धन्नातलाई से लेकर कालीपलटन के अंतिम छोर तक बनने वाले नाले का निर्माण अब जल्द ही शुरू होगा। इसके लिए नगर परिषद सभापति लक्ष्मीदेवी जैन ने नगर परिषद के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
इसके बाद अधिकारी-कर्मचारियों ने धन्नातलाई से लेकर कालीपलटन क्षेत्र का निरीक्षण किया। इसमें नाला निर्माण पर चल रहा विवाद भी थम गया। अब नाले के साथ सडक़ का भी निर्माण कराया जाएगा।

ताकि लोगों को आवागमन में परेशानी नहीं हो। सभापति लक्ष्मीदेवी जैन ने बताया कि धन्नातलाई से लेकर कालीपलटन तक 50 लाख रुपए की लागत से नाला निर्माण स्वीकृत हुआ था, लेकिन लोगों के विरोध के चलते ये रुक गया था।
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