उन्होंने कहा कि बीते दो दशक में दलगत राजनीति के बीच किसानों को शहीद होना पड़ा, लेकिन किसान को आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला। उन्होंने आगाह किया कि अब क्षेत्र का किसान गुमराह की राजनीति बर्दाश्त नहीं करेगा।
किसान महापंचायत के प्रदेश संयोजक सत्यनारायण सिंह ने कहा कि किसानों को संगठित होकर संघर्ष करने की आवश्यकता है।
किसान नेता रतन खोखर ने कहा बीसलपुर बांध की जमीन व पानी, दोनों पर पहला हक टोंक जिले के किसानों का है। एक ओर प्रदेश सरकारे किसानों की हितैषी बनती है। वही, बीते दो दशक में बीसलपुर बांध के ओवर फ्लो पानी की मांग की उपेक्षा की है। यदि, बीसलपुर बांध का ओवर फ्लो पानी टोरडी व घारेडा सागर में डाला जाता है, तो टोंक जिले के 86 गांवों के किसानो की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी।
धरने में बावड़ी सरपंच गोकुल धाकड़, गोपालपुरा पूर्व सरपंच बद्रीलाल गुर्जर, नाथूलाल जाट, श्रवण लाल जाट, चतुर्भुज चौधरी, शंकर लाल थाकर, छोटूलाल धाकड़, भंवरलाल चौधरी समेत अन्य किसान नेताओं ने बीसलपुर बांध के ओवर फ्लो पानी को टोरडी व घारेडा सागर बांध में डालने की मांग की।
इधर, धरने में शांति व कानून व्यवस्था बनाए रखने को लेकर पुलिस उपाधीक्षक चक्रवर्ती सिंह, थाना प्रभारी नरेश शर्मा मय अतिरिक्त पुलिस जाप्ते के मौके पर तैनात थे। दोपहर बाद किसानो ने बीसलपुर बांध के ओवर फ्लो पानी टोरडी व घारेडा सागर बांध में डालने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार मनमोहन गुप्ता को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान धरने में बालापुरा, घारेड़ा, लाखोलाई, बावड़ी, देवपुरा, गोपालपुरा, हमीरपुर, लाम्बाकलां, गेदिया, काचरियां, पन्द्राहेड़ा, सदापुरा, सोहेला समेत करीब एक दर्जन गांवों के किसान मौजूद थे।