जिले के सबसे बड़े सआदत अस्पताल में स्वाइन फ्लू के मरीजों के उपचार के लिए अलग से वार्ड बना रखा है, लेकिन इस वार्ड की हालत देख कर कोई भी मरीज यहां नहीं रूकना चाहेगा। जबकि इस वार्ड में भर्ती मरीज को देखने के लिए प्रतिदिन विशेषज्ञ चिकित्सक भी आ रहे है।
जिले की यह हालत जिले में जनवरी माह में पहले पखवाड़े में पांच स्वाइन फ्लू के केस सामने आए है, जिनमें से एक जने की उपचार के दौरान मौत भी हो चुकी है। वहीं 2018 में 34 मामले सामने आए थे, जिनमें पांच जनों की मौत हो चुकी है। वहीं सआदत अस्पताल स्थित कृष्णा डायग्नोस्टिक जांच सेंटर में जनवरी में अब तक 46 मरीजों की जांच हो चुकी है, जिसमें एक तीन वर्षीय बालक के स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है।
ट्रोमा वार्ड के पास स्थित इस आइसोलेशन वार्ड में छत पर पानी की टंकियां रखी हुई है। यहां भर्ती एक मरीज के परिजनों ने बताया कि रोज पानी की टंकिया ओवर फ्लो हो रही है और छत से पानी टपकना शुरू हो जाता है। हालत यह है कि मरीज को कई बार बेड बदलना पड़ा है। वार्ड के दो कोनों में पानी इस कदर टपकना शुरू हो जाता है जैसे बारिश हो रही है। वहीं वार्ड की दीवारों में सीलन आई हुई है। वहीं व्यवस्थाओं से आजिज आए मरीज के परिजनों ने बताया कि सर्दी के समय में वार्ड में पानी टकपने से बहुत अधिक ठण्ड हो जाती है। कई बार तो बाहर धूप में जाकर बैठना पड़ता है। वार्ड के स्टाप को भी इस बारे में कई बार बताया, लेकिन ने कोई सुनवाई नहीं की। वहीं इसी वार्ड में कूलर, आलमारी एवं इन्वर्टर की बैट्रियां भी रखी हुईहै, जिससे निकलने वाले मच्छरों से संक्रमण की संभावना बनी रहती है।