BJP के लिए इस सीट पर सबसे बड़ी चुनौती सचिन पायलट (Deputy CM Sachin Pilot) हैं, जो टोंक विधानसभा सीट से विधायक भी हैं। ऐसे में टोंक-सवाईमाधोपुर क्षेत्र की सीटों पर उनका खासा प्रभाव है। विधानसभा चुनाव में भी ये देखने को मिला था। इस प्रभाव को तोडऩे के लिए भाजपा को खासी रणनीति तय करने पड़ेगी।
क्या गुर्जर नेता पर दांव खेलेगी भाजपा पिछले दो लोकसभा चुनाव की बात करें तो इस सीट पर भाजपा ने गुर्जर प्रत्याशी पर ही जीत का दांव खेला था। भाजपा ने 2009 में कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला को मैदान में उतारा था। हालांकि उनको कांग्रेस प्रत्याशी नमोनारायण मीणा ने नजदीकी अंतर से हराया (Tonk-Sawai Madhopur Lok Sabha Result)। वहीं 2014 में फिर गुर्जर प्रत्याशी सुखबीर सिंह जौनापुरिया को मैदान में उतारा, उन्होंने कांग्रेस नेता एवं क्रिकेटर अजहरूरद्दीन को हराया। जौनापुरिया की जीत में उन्हें मोदी लहर का फायदा मिला था।
वहीं इस सीट पर दो बार सांसद रह चुके नमोनारायण मीणा को टिकट नहीं देना भी कांग्रेस के लिए नुकसानदायक साबित रहा था। इस सीट में टोंक व सवाईमाधोपुर दोनों जिले आते हैं। दोनों में चार-चार सीटें विधानसभा की है।
2013 के विधानसभा चुनाव में आठों सीटों पर भाजपा काबिज थी, लेकिन हाल ही में हुए 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने आठ में से सात सीटें गवां दी। सिर्फ टोंक की मालपुरा सीट ही बचा सकी। अगर भाजपा इस सीट पर फिर गुर्जर प्रत्याशी को मैदान में उतारती है तो उसके सामने कांग्रेस के पास मौजूद दिग्गज गुर्जर नेता सचिन पायलट के गढ़ को जीतना असान नहीं होगा।
विधानसभा चुनाव में सांसद जौनापुरिया भाजपा के बड़े नेताओं की चुनावी सभाओं में नजर आए। वहीं खण्डार व गंगापुरसिटी के गुर्जर बाहुल्य इलाकों में जमकर प्रचार भी किया था और जातिगत वोटों को साधने की कोशिश की गई थी, लेकिन इसके बावजूद दोनों जगहों पर भाजपा प्रत्याशियों को हार मिली। टोंक भी ऐसा ही हाल रहा।
फिर भाग्य अजमाने की दौड़ में जौनापुरिया इस सीट पर सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया फिर से भाग्य अजमाने की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए वे दोनों जिलों में सक्रिय नजर आ रहे हैं। हालांकि इस सीट पर पूर्व विधायक दीया कुमारी के मैदान में आने की भी चर्चाएं है। माना जा रहा है कि उन्होंने इसलिए ही विधानसभा चुनाव लडऩे से इनकार किया था। दूसरी ओर कांग्रेस की ओर से पूर्व सांसद नमोनारायण मीणा तथा सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) के पुत्र वैभव गहलोत (Vaibhav Gehlot) के इस सीट से भाग्य अजमाने सुगबुगाहट चल रही है।