ऐसा ही गुरुवार सुबह भी गांधी खेल मैदान के समीप चौराहे पर हुआ। वनकर्मी पत्थरों से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली को पकडऩे के लिए पीछा कर रहे थे। क्षेत्रीय वन अधिकारी रघुवीरसिंह के नेतृत्व में सदर वन नाका प्रभारी वीरसिंह, मुमताज अहमद, कालूराम तथा हेमराज ने ट्रैक्टर-ट्रॉली को गांधी खेल मैदान के समीप कोठीनातमाम स्कूल के चौराहे पर रोक लिया और जब्त करने की कार्रवाई करने लगे।
इस दौरान ट्रैक्टर-ट्रॉली चालक के कुछ साथी आ गए और वनकर्मियों के पास से उक्त ट्रैक्टर-ट्रॉली को छुड़ाकर ले गए। ये ट्रैक्टर-ट्रॉली शहर के समीप गड्ढा छिपोलाई से अवैध खनन कर पत्थर झीकरा भरकर आ रही थी। वनकर्मियों ने बहीर से ही उसका पीछा शुरू कर दिया। ऐसे में उन्होंने गांधी खेल मैदान ट्रैक्टर-ट्रॉली को रोक लिया, लेकिन चालक के साथी आए और वे उसे ले गए।
शहर में बे-बस हो रहा प्रशासन
वन विभाग के कार्मिक भले ही वन क्षेत्र में अवैध खनन पर अंकुश नहीं लगा पा रहे, लेकिन वे शहर में दौड़ रहे पत्थरों से भरे ट्रैक्टर-ट्रॉली को भी नहीं रोक पा रहे हैं। इसी का नतीजा है कि पहाड़ों पर अवैध खनन जारी है। जबकि शहर में निर्माण के कार्य के लिए पत्थर तथा गिट्टी आ रहे हैं।
जिले भर के ऐसे ही हालात
जिलेभर की पहाडिय़ों के भी ऐसे ही हालात हैं। लगातार पत्थर खनन जारी है। दूनी, आवां, राजकोट, टोंक, टोडारायसिंह व निवाई समेत अन्य इन इलाकों में लगातार पहाड़ सिमटते जा रहे हैं। इसके बावजूद वन विभाग कार्रवाई नहीं कर रहा है। गाहे-बगाहे कार्रवाई करता है तो खननकर्ता उनके पास से पत्थरों से भरे वाहन छुड़ा ले जाते हैं।
मना करते रहे नाका प्रभारी
पत्थर से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली पकडऩे के मामले से नाका प्रभारी वीरसिंह मना करते रहे। बाद में उन्होंने क्षेत्रीय वन अधिकारी पर मामला डाल दिया। इधर, क्षेत्रीय वन अधिकारी रघुवीरसिंह का कहना है कि पत्थरों से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली को खननकर्ता ले गए। अब मामला दर्ज कराने के लिए नाका प्रभारी को कहा जाएगा। वैसे नाका प्रभारी को ही मामला दर्ज कराना है।