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राजस्थान के टोंक में खननकर्ताओं की दबंगई, ट्रैक्टर का साइलेंसर निकाल वन विभाग के दल पर किया हमला

locationटोंकPublished: Dec 13, 2019 09:01:20 am

Submitted by:

pawan sharma

Mining mafia attack on forest workers: खननकर्ताओं ने ट्रैक्टर पर लगे साइलेंसर को निकाला और कर्मचारियों पर हमला कर दिया। इससे कर्मचारी सहम गए और पीछे हट गए।

राजस्थान के टोंक में खननकर्ताओं की दबंगई, ट्रैक्टर का साइलेंसर निकाल वन विभाग के दल पर किया हमला

राजस्थान के टोंक में खननकर्ताओं की दबंगई, ट्रैक्टर का साइलेंसर निकाल वन विभाग के दल पर किया हमला

टोंक. खननकर्ताओं की दबंगई बढ़ती जा रही है। बजरी व पत्थर खनन पर रोक लगाना प्रशासन व वन विभाग के लिए मुश्किल होता जा रहा है। खननकर्ताओं ने गुरुवार को वन विभाग के कर्मचारियों पर हमला कर पत्थर से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली छुड़ा ले गए। खननकर्ताओं ने ट्रैक्टर पर लगे साइलेंसर को निकाला और कर्मचारियों पर हमला कर दिया। इससे कर्मचारी सहम गए और पीछे हट गए।
आरोपी पत्थरों को सडक़ पर खाली कर ट्रैक्टर-ट्रॉली को ले गए। क्षेत्रीय वन अधिकारी हरिसिंह हाड़ा ने 6 के खिलाफ कोतवाली थाने में रिपोर्ट दी है। वहीं एक बाइक भी जब्त की है। मामला सोनवा रोड का है। वन विभाग के कर्मचारी पत्थर से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली को पीछा कर रहे थे। उन्होंने सोनवा रोड पर पत्थरों से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली को पकड़ लिया।
इस दौरान चालक ने अपने साथियों को इसकी सूचना दे दी। ऐसे में वन विभाग के कार्मिक कार्रवाईकरते इससे पहले पीछे से दो मोटरसाइकिल पर 5 जने आ गए। उन्होंने पहले तो धक्का-मुक्की की ओर से ट्रैक्टर-ट्रॉली को ले जाने लगे, लेकिन जब वन कार्मिकों ने ट्रैक्टर-ट्रॉली को नहीं ले जाने दिया तो एक जने ने ट्रैक्टर पर लगे साइलेंसर को निकाल लिया और हवा में लहराने लगा और हमला करने लगा।
इससे कर्मचारी पीछे हट गए। हालांकि वन विभाग के कर्मचारियों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, लेकिन खननकर्ता ट्रैक्टर-ट्रॉली को खाली कर भगा ले गए। इस दौरान वन विभाग की टीम ने उनकी एक मोटरसाइकिल जब्त कर ली। उसे उप वन संरक्षक कार्यालय स्थित जखीरा में खड़ा किया है। वन विभाग ने चालक समेत 6 जनों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।
एक ने ही दिखाइ हिम्मत
पत्थर से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली को पकडऩे के दौरान वन विभाग के आधा दर्जन से अधिकारी सुरक्षा कर्मी मौजूद थे। इनमें से महज एक सुरक्षाकर्मीने ही खननकर्ताओं को रोकने की हिम्मत दिखाई। बाकी सुरक्षाकर्मीतो तमाशा देख रहे थे। इसी का नतीजा था कि एक हमलावर के हाथ में मौजूद साइलेंसर से ही वे ट्रैक्टर-ट्रॉली को छुड़ा ले गए। जबकि सभी वन विभाग के सुरक्षा सामना करते तो ट्रैक्टर-ट्रॉली को नहीं जाने दिया जाता।
रात को भी लौटना पड़ा बैरंग
रेंजर हिम्मत सिंह कार्मिकों के साथ बुधवार रात भी अंधेरिया बाग में कार्रवाई करने गए थे, लेकिन खननकर्ताओं के विरोध के चलते उन्हें बैरंग लौटना पड़ा। इसके बाद रेंजर ने गुरुवार को पत्थर से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली को पकडऩे के लिए टीम तैयार की।
पहले भी हो चुके हमले
यूं तो वन विभाग की टीम पर अब तक कई बार हमले हो चुके हैं, लेकिन पिछले 6 महीने में ये दूसरा हमला है। इससे पहले विवेकानंद सर्कल पर खननकर्ता वन विभाग के कर्मचारियों के कब्जे से पत्थर से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली को ले गए थे। इसके अलावा बजरी खननकर्ताओं ने तीन बार सहायक खनिज अभियंता पर हमला किया है। वहीं बजरी खननकर्ताओं ने गत 22 अक्टूबर को निवाई एसडीओ की कार को कार्रवाई के दौरान टक्कर मारी है। गत 4 नवम्बर को खननकर्ताओं की आपसी झगड़े में एक जने की मौत हो चुकी है।
मामला दर्ज कराया है
पत्थर से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली को पकड़ लिया गया था। बाद में आए खननकर्ताओं ने साइलेंसर से हमले का प्रयास किया। छह खननकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है।
हरीसिंह हाड़ा, क्षेत्रीय वन अधिकारी, टोंक
लगातार जारी रहेगी कार्रवाई
कार्रवाई के दौरान खननकर्ताओं ने हमले का प्रयास किया, लेकिन वन विभाग की ओर से कार्रवाई जारी रहेगी। विभाग की ओर से बजरी तथा पत्थर खनन पर निरंतर कार्रवाई की जाएगी।
वी. चेतनकुमार, उप वन संरक्षक, टोंक
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