43 डिग्री तक चढ़ा पारा, स्कूली बच्चों ने गर्मी से बचने के लिए किया यह… ठण्डे पेय पदार्थ से मिल रही राहतदेवली . शहर में मंगलवार को इस सीजन का सर्वाधिक तापमान रहा। दोपहर पौने 3 बजे तापमान 44 डिग्री जा पहुंचा। ऐसे में घर से बाहर निकलते ही भट्टी की तपन जैसा अहसास हुआ। गर्मी का सितम इस कदर बढ़ रहा है कि दोपहर तो दूर की बात सुबह 8 बजे की गर्मी असहनीय साबित हो रही है।
गर्मी और लू की चपेट में उत्तर भारत, कई जगह 45 के पार हुआ पारा, इस हफ्ते और बढ़ेगी गर्मी सुबह 9 बजे भी धूप बेहद तेज हो रही है, जो झुलसाने वाली है। स्थिति यह है कि सुबह 11 बजे से तापमान लगातार परवान चढ़ रहा है। दोपहर 12 से 4 बजे की अवधि में राष्ट्रीय राजमार्ग, शहर का मुख्य बाजार, कॉलोनियां व गलियां वीरान हो रही है। दोपहर को सन्नाटा पसरे रहने के साथ इक्के-दुक्के लोग ही दिखाई देते हंै। भट्टी सी तपती गर्मी से बचने के लिए लोग मुंह पर दुपट्टा बांधकर ही निकल रहे हैं।
अभी गर्मी से नहीं मिलेगी राहत, इतने दिन में पहुंच सकता है मानसून साथ ही घरों में कूलर व एसी पूरे समय तक चल रहे हैं। भीषण व झुलसाने देने वाली गर्मी के चलते लोग ठण्डे पेय पदार्थों से राहत पाने का प्रयास कर रहे हैं। इनमें गन्ने का रस, फलों के ज्यूस, तरबूज, खरबूजा, श्रीखण्ड, छाछ, लस्सी, दही आदि सर्वाधिक उपयोगी साबित हो रहे हैं।
गर्मी सेे पेड़-पौधे आदि झुलस रहे है तो, मवेशी दिनभर पीने के पानी के भटक रहे। वहीं ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले लोग पार्कों में सुस्ताते नजर आए। चिकित्सकों का कहना है कि तापमान बढऩे के साथ ही लू व तापाघात बढऩे की सम्भावना अधिक रहती है। इससे बचने के लिए दिनभर पानी का सेवन, धूप में सिर ढककर निकलना व कैरी पानी उपयोगी है।