टोडारायसिंह थानान्तर्गत करीब 123 गांव है, जिनमें मोर चौकी में 45 तथा ढीबरू चौकी के करीब 30 गांव शामिल है। जबकि क्षेत्र में विभाग के तहत शांति व कानून व्यवस्था के नाम पर एक थाना प्रभारी (सीआई) 5 एएसआई, 5 हैड कांस्टेबल तथा 23 कास्टेबल व 3 महिला पुलिसकर्मी के पद सृजित है।
जहां थाना क्षेत्र में दो एएसआई, 10 कास्टेबल व दो महिला पुलिसकर्मी के पद रिक्त है। स्थिति यह है कि टोडा थाने की पूर्ति के लिए कस्बा, मोर व ढ़ीबरू (खरेड़ा) चौकी एक-एक पुलिसकर्मी के भरोसे संचालित है। हालांकि, क्षेत्र में थाने के रोजमर्रा के कार्य सभी सम्पादित हो रहे है, लेकिन क्षेत्र में कभी आपराधिक क्षेत्र या मेले व सार्वजनिक के साथ अन्य कार्य स्थलों पर कानून व शांति व्यवस्था का जिम्मा आता है तो स्टाप की कमी अखरती है।
इधर, थाने में स्टाप की कमी को पुलिस विभाग भी स्वीकार करते है, लेकिन खाली इन पदों पर नियुक्ति नहीं होने से आए-दिन पुलिस कार्यों के साथ कानून व्यवस्थाएं प्रभावित होना आम बात है। वहीं क्षेत्र व अपराधिक गतिविधियों के अनुरूप वाहनों की व्यवस्था नहीं होना भी एक समस्या बनी हुई है।
थाने में एक जीप व दो मोटरसाइकिल है, लेकिन दुपहिया वाहनों की पर्याप्त नहीं होने से कार्मिकों को पुलिस थाने की जीप व निजी साधनों पर आश्रित रहना पड़ता है। आबादी बढ़ी स्टाफ नहीं
सन् 1984 में आबादी के अनुरुप टोडारायसिंह थाना स्वीकृत कर थाना प्रभारी समेत अतिरिक्त पुलिस उपनिरीक्षक व हैड कास्टेबल (एक-एक) तथा 12 कास्टेबल तैनात किए थे, लेकिन क्षेत्र की बढ़ती आबादी के अनुरुप थाने में स्टाप में बढ़ोतरी नहीं की गई। कस्बे समेत करीब सवा सौ राजस्व गांवों को शामिल किया है, लेकिन क्षेत्र में शांति व कानून व्यवस्था के नाम पर एक थाना व कस्बा समेत तीन पुलिस चौकियां है। जहां पर पर्याप्त स्टाप नहीं है।
उच्च अधिकारियों को अवगत कराया
स्थानीय थाने में स्टाप की कमी के बावजूद रोजमर्रा के कार्यों सम्पादित किए जाते है, लेकिन क्षेत्र में रैली, धरना-प्रदर्शन व सभाओं के साथ अन्य कार्यक्रमों में शांति व कानून व्यवस्था बनाए के लिए मालपुरा, लाम्बाहरिसिंह, पचेवर या अन्य थानों से अतिरिक्त पुलिस बल तथा आरएसी जाप्ता बुलाना पड़ता है। रिक्त पदों को भरने के लिए उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया है।
विजेन्द्र सिंह गिल, थाना प्रभारी टोडारायसिंह।