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तीन माह से नही हुआ मिड डे मिल वितरण का भुगतान, 1574 स्कूलों व मदरसों पर ढाई करोड़ रुपए बकाया

locationटोंकPublished: Feb 23, 2020 01:36:03 pm

Submitted by:

pawan sharma

जिले के विद्यालयों में मिड डे मिल के तहत हो रहे अन्नपूर्णा दूध वितरण का भुगतान नहीं होने से 1574 स्कूलों व मदरसों पर कर्जा हो गया है।

तीन माह से नही हुआ मिड डे मिल वितरण का भुगतान, 1574 स्कूलों व मदरसों पर ढाई करोड़ रुपए बकाया

तीन माह से नही हुआ मिड डे मिल वितरण का भुगतान, 1574 स्कूलों व मदरसों पर ढाई करोड़ रुपए बकाया

टोंक. जिले के विद्यालयों में मिड डे मिल के तहत हो रहे अन्नपूर्णा दूध योजना वितरण का भुगतान नहीं होने से 1574 स्कूलों व मदरसों पर कर्जा हो गया है। जानकारी अनुसार जिले के 1436 प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों एवं 138 मदरसों में दूध वितरण किया जा रहा है। इसमें सरकारी विद्यालयों में एक लाख 14 हजार 139 विद्यार्थियों व मदरसों के 8 हजार 322 बच्चों को दूध वितरण किया जा रहा है।
कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को डेढ़ सौ मिलीलीटर एवं कक्षा छह से आठ दो सौ मिलीलीटर दूध पिलाया जा रहा है। उक्त स्कूलों व मदरसों में तीन माह में साढ़े तीन करोड़ का दूध भुगतान किया जाता है। विभाग की जानकारी के अनुसार 19 सितम्बर को एक करोड़ 89 लाख रुपए का भुगतान किया गया। इसके बाद स्कूलों और मदरसों को दूध वितरण का कोई भुगतान नहीं किया गया। विद्यालयों व मदरसों की ओर से शहरी क्षेत्र में 42 रुपए लीटर व ग्रामीण क्षेत्र में 37 रुपए लीटर दूध खरीदा जा रहा है।

उधारी पर टिका है दूध
मदरसों व स्कूलों में प्रति दिन विद्यार्थियों को दूध पिलाने की जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन है। भुगतान नहीं मिलने के बावजूद स्कूल व मदरसा प्रबंधन को उधार लेकर दूध का वितरण किया जा रहा है। अब आलम ये है हो गया कि दूध देनी वाली संस्था दूध डेयरी लगातार तकाजा करने लगी है। स्कूल प्रबंधन उन्हें जल्द उधारी अदा करने की गुहार कर रहे हैं।
सुपोषण दिवस का आयोजन
पीपलू (रा.क.)। उपखंड क्षेत्र के डोडवाड़ी पंचायत के आंगनबाड़ी केंद्र अतालिकपुरा में सरपंच प्रधान गुर्जर की अध्यक्षता में सुपोषण कार्यक्रम आयोजित किया गया। आंगनबाड़ी केंद्र के बालकों को नए मीनू के अनुसार पोषाहार वितरित किया गया। इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शांति देवी शर्मा ने गर्भवती महिलाओं को बताया कि पौष्टिक भोजन व आराम जरूरी है। मौसम के अनुसार सब्जियों का सेवन करना चाहिए।
साथ ही प्रसव के बाद स्तनपान के बारे में भी जानकारी दी। इस दौरान गर्भवती व धात्री माताओं को और बच्चों को एनिमिया और स्वच्छता के प्रति जागरुकता को लेकर भी जानकारी दी गई। नवप्रवेशित बालकों को शिक्षण सामग्रियों का भी वितरण किया गया। कार्यक्रम में सरपंच प्रधान गुर्जर ने महिलाओं और बालिकाओं को बताया कि पूर्ण शिक्षा लेना उनका अधिकार है। शासन द्वारा बालिकाओं की शिक्षा के लिए कई योजनाएं चलाईं जा रही हैं। जिसका उन्हें पूरा लाभ लेना चाहिए।
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