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बेखौफ माफिया, बेबस साबित हो रहा प्रशासन

locationटोंकPublished: Feb 23, 2020 12:20:32 pm

Submitted by:

Vijay

बजरी खनन व परिवहन

बेखौफ माफिया, बेबस साबित हो रहा प्रशासन

बेखौफ माफिया, बेबस साबित हो रहा प्रशासन

टोंक. जिले में बजरी माफिया ने प्रशासन की लापरवाही एवं अनदेखी के चलते सुप्रीम कोर्ट के आदेश कागजी साबित कर रखे है। हालम यह है कि पिछले दो साल में प्रशासन जिले में गुजर रही बनास नदी से बजरी खनन व परिवहन नहीं रोक पाया है। ऐसे में बजरी खनन करने वालों के हौंसले बुलन्द है।
सुप्रीम कोर्ट ने १६ नवम्बर २०१७ को बनास सहित अन्य नदियों में बजरी खनन पर रोक लगाए जाने के आदेश जारी किए थे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना में प्रशासन सहित पुलिस, राजस्व, वन, खनिज विभाग के कर्मचारी-अधिकारी शामिल एसआइटी का गठन भी किया गया, इसके बावजूद जिले में धड़ल्ले से बजरी खनन जारी है। खनिज विभाग के सहायक अभियंता मलिक उस्तर की माने तो उक्त तिथि से अब तक २२२० ट्रक, डंपर एवं ट्रैक्टर-ट्रॉली बजरी खनन में पकड़े जा चुके है, जिनसे पर १५ करोड़ १० लाख का जुर्माना भी वसूला जा चुका है। खनिज विभाग को होमगार्ड के आठ जवानों का जाब्ता भी मिला हुआ है, जिसका भुगततान भी विभाग कर रहा है। उक्त आंकडे प्रशासन की ओर से बजरी खनन व परिवहन रोकने के लिए किए गए बंदोबस्त की पोल खोलने के लिए काफी है। जबकि प्रशासन बजरी खनन व परिवहन रोकने का रटा-रटाया जवाब देता आया है।
जयपुर- कोटा तक जुड़े है तार
जिले में राजमहल, संथली, बंथली, देवड़ावास, सतवाड़ा, देवीखेड़ा, बोटूंदा स्थित नदी से होने वाले बजरी खनन से लदे वाहन विभिन्न गांवों व राजमार्ग होते हुए बूंदी-कोटा की ओर निकल जाते है। वहीं टोडारायसिंह व मालपुरा क्षेत्र में होने वाले खनन से वाहन फागी उपखण्ड क्षेत्र के गांवों तक होने हुए मुहाना मंडी व सांगानेर पहुंच रहे है। वहीं टोंक क्षेत्र में लहन, पालड़ा, गहलोद, नयागांव, बोरदा, चूली एवं बरवास से खनन कर माफिया शहर में बजरी परिवहन करते है। इसके अलावा पीपलू में जेबाडिया, ककराज कलां, नानेर, बोरखण्डी, नाथड़ी, बगड़ी में बेतहाशा खनन जारी है। वहीं निवाई में देवली-भांची, चिरोंज, दतवास, मोटूका क्षेत्र में खनन कर जयपुर की ओर बजरी परिवहन किया जाता है।

प्रशासन भी मौन
शहर में करीब सौ अधिक स्थानों पर सरकारी व गैर सरकारी भवनों का निर्माण कार्य चल रहा है। इन स्थानों पर बजरी के ढेर लगे हुए है या नियमित बजरी आ रही है, लेकिन कभी प्रशासन के नुमाइंदों ने बजरी आने के माध्यम के बारे में पता लगाने की कोशिश नहीं की। ऐसे में क्षेत्र में खनन माफिया पनप गए।

पांच चढ़ चुके है एसीबी के हत्थे
सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद एसीबी की टीम ने सबसे पहले 11 दिसम्बर 2017 को खनिज विभाग के फोरमैन देशराज मीणा को बजरी से भरे वाहनों के चालकों से रुपए लेते हुए गुंसी चेकपोस्ट से गिरफ्तार किया। उसने चालकों से 52 हजार रुपए लिए थे। उसके साथ आरएसी 14वीं बटालियन का कांस्टेबल राजाराम भी था। पुलिस ने दोनों को रंगेहाथों गिरफ्तार कर लिया। एसीबी ने 28 जून 2018 को मालपुरा की टोरडी पुलिस चौकी के कांस्टेबल प्रेमराज को चालकों से राशि वसूलने पर 5 हजार रुपए के साथ गिरफ्तार किया था। निवाई उपखण्ड अधिकारी के चालक किशनलाल खंगार को एसीबी ने 5 अक्टूबर 2018 को चालकों से 2 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा था। इसी प्रकार एसीबी की टीम ने 18 मई2019 को पीपलू थाना पुलिस के कांस्टेबल कैलाशचंद जाट को दो अन्य शंकरलाल तथा राकेश के साथ मिलकर चालकों से बजरी की एवज में एक लाख 40 हजार 500 रुपए वसूलते गिरफ्तार किया था। ये सभी पीपलू थाना प्रभारी विजेन्द्र गिल के लिए राशि वसूलते थे। वहीं १० फरवरी को मालपुरा थाने का हैड कांस्टेबल सुरेन्द्र मीणा को गिरफ्तार किया जा चुका है, वहीं एक अन्य रामभजन फरार है। फिलहाल सभी के खिलाफ न्यायालय में मामला विचारधीन है।
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