टोंक

पशु चिकित्सालय का भवन जर्जर, दवाओं का टोटा

पचेवर कस्बे का राजकीय पशु चिकित्सालय अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। पशु चिकित्सालय कई वर्षों से जर्जर खस्ताहाल में संचालित हो रहा है।

टोंकApr 11, 2021 / 08:36 am

pawan sharma

पशु चिकित्सालय का भवन जर्जर, दवाओं का टोटा

पचेवर. पशुपालन को लेकर प्रदेश सरकार अनेक योजनाओं को गांवों तक पहुंचाने का दावा करती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ ओर ही बयां कर रही है। ऐसी ही स्थित में पचेवर कस्बे का राजकीय पशु चिकित्सालय अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। पशु चिकित्सालय कई वर्षों से जर्जर खस्ताहाल में संचालित हो रहा है। अब तक पशु चिकित्सालय को न तो नया भवन मिल सका और नहीं बैठने के लिए फर्नीचर।
यह मात्र शासकीय रिकॉर्ड में पशु चिकित्सालय है।इस भवन की दीवारो से मिट्टी निकलना शुरू हो गई है। साथ ही यहां मौजूद चिकित्सक को सदैव ही अपनी जान की सुरक्षा का भी खतरा बना रहता है। इस भवन की छत कब गिर जाए इसका कोई ठिकाना नही। एक ओर जहां सरकार नित नए निर्माण कार्य करते हुए विकास को बढ़ावा दे रही है,वही दूसरी ओर पशु चिकित्सालय की अनदेखी कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।
जानकारी के अनुसार यहां कई वर्षो से रंग रोशन का कार्य तक नहीं किया गया है। वहीं स्वच्छ पेयजल की भी व्यवस्था नहीं है। इसी के साथ चिकित्सालय में दवाइयों का भी टोटा है। बारिश में जलमग्न हो जाता है परिसर वहीं बारिश के दिनों में पशु चिकित्सालय के परिसर में लबालब पानी भरने के साथ ही पानी कमरों तक पहुँच जाता है। जिससे दवाइयाँ व रिकॉर्ड खराब होने का डर बना रहता है।
काफी दिनों तक पानी भरा रहने से जहरीले जीव जन्तु के साथ मच्छर पैदा हो जाते है,जिससे संक्रामण बीमारियां फैलने का अंदेशा बना रहता है। पशुओं के इलाज में काफी परेशानी उठानी पड़ती है। इसी के साथ चिकित्सालय में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का पद रिक्त होने के कारण साफ सफाई की समस्या बनी रहती है। ए श्रेणी में कर्मोन्नत करने की मांग ग्रामीण विमल कुमार जैन ने बताया कि इस पशु चिकित्सालय पर 2000 पशुपालक अपने पशुओं के इलाज के लिए निर्भर रहते है।
वहीं कस्बे के आसपास के करीब 15 गांवो के लोग अपने पशुओं का इलाज करवाने आते है।चिकित्सालय का भवन जर्जर है बारिश के दिनों में परिसर जलमग्न हो जाता है,जिससे पशुओं के इलाज में काफी परेशानी उठानी पड़ती है।चिकित्सालय को ए श्रेणी में कर्मोन्नत किया जाए।जिससे क्षेत्र के पशुपालकों को पशुओ के इलाज का लाभ मिल सके।
इनका कहना है

पशु चिकित्सालय का भवन करीब 25 साल पुराना है। वहीं भवन का जमीनी स्तर नीचा होने जाने के कारण बारिश के दिनों में पानी से भवन परिसर लबालब भर जाता है।जिससे दवाओं के साथ स्टेशनरी का सामान खराब हो जाता है।इस समस्या के बारे में पंचायत प्रशासन व उपखंड अधिकारी को लिखित में अवगत करवाया गया है लेकिन अभी तक समस्या का कोई समाधान नहीं किया गया। – महेश मीणा (चिकित्सा अधिकारी) पशु चिकित्सालय पचेवर

Home / Tonk / पशु चिकित्सालय का भवन जर्जर, दवाओं का टोटा

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.